Kannauj Rape Case: बुआ निकली असली मास्टरमाइंड, ये काम करने के लिए पूर्व ब्लॉक प्रमुख ने खाते में भेजे थे इतने रुपए

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
कन्नौज कांड में नया खुलासा

Kannauj case: किशोरी दुष्कर्म मामले में सह आरोपी पूर्व ब्लॉक प्रमुख नीलू यादव और पीड़िता की बुआ को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया जाएगा। इस संबंध में बुधवार को पुलिस ने पॉक्सो कोर्ट में अर्जी दाखिल की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। आज कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा, जिसमें दोनों आरोपियों की पेशी जिला कारागार से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होगी।

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पीड़िता की बुआ का घिनौना कृत्य

मुख्य आरोपी नवाब सिंह यादव को बचाने के लिए नीलू यादव ने पीड़िता की बुआ को 10 लाख रुपये का लालच दिया था। इसके अतिरिक्त, किशोरी का मेडिकल परीक्षण न कराने और कोर्ट में बयान न देने के बदले में चार लाख रुपये बुआ के एक परिचित के खाते में ट्रांसफर किए गए थे। इसी आधार पर नीलू यादव को भी इस मामले में सह आरोपी बनाया गया है। नीलू ने मंगलवार को कोर्ट में समर्पण कर दिया है।

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एसपी अमित कुमार आनंद ने दी टिप्पणी

एसपी अमित कुमार आनंद ने बताया कि बृहस्पतिवार को कस्टडी रिमांड पर कोर्ट सुनवाई करेगा और दोनों आरोपियों की जिला जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी होगी। न्यायालय के आदेश के बाद दोनों को जेल से लाकर पूछताछ की जाएगी और रुपयों के लेन-देन के संबंध में साक्ष्य एकत्र किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह के अंदर चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में दाखिल की जाएगी और मुकदमे का ट्रायल शुरू होगा। पुलिस इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से पैरवी करेगी।

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बुआ ने उड़ाई रिश्तों की धज्जियाँ

भारतीय संस्कृति में बुआ-भतीजी के रिश्ते को पवित्र माना जाता है, लेकिन इस कांड ने इस रिश्ते को कलंकित कर दिया है। बुआ ने अपनी भतीजी की अस्मत से खिलवाड़ करके न केवल इस पवित्र रिश्ते को दागदार किया, बल्कि मानवीय संवेदनाओं को भी गहरा आघात पहुँचाया है। यह घटना समाज में आपसी संबंधों और रिश्तों पर सवाल उठाने का कारण बन गई है और लोगों के भरोसे को भी हिला दिया है।

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बुआ को चाहिए था पद, पैसा और प्रतिष्ठा

तिर्वा क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली इस महिला की महत्वाकांक्षा इतनी बड़ी थी कि उसने पद, पैसा और प्रतिष्ठा के लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया। राजनेताओं और सत्ता पक्ष के नेताओं के साथ अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर वह पहचान बनाने लगी। सपा में सक्रिय रहने के बाद सत्ता परिवर्तन के साथ उसने भाजपा को भी अपनाया और पुलिस थानों में रौब दिखाने लगी। जब पीड़िता के माता-पिता ने अपनी बेटी को बुआ के पास भेजा था, तो उसकी बुआ ने उसकी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नाबालिग भतीजी को नवाब सिंह यादव के पास भेज दिया। यह बात सामने आई है कि बुआ ने अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए अपनी भतीजी का इस्तेमाल किया, जिसे गांव के लोग शर्मसार मानते हैं।

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पुलिस की जांच हुआ बुआ के बारे में खुलासा

पुलिस की छानबीन में यह बात सामने आई है कि पीड़िता की बुआ एक सामान्य परिवार से आती है और पैसे के लालच में इस कृत्य में लिप्त हुई। हालांकि, देह व्यापार, मानव तस्करी या सेक्स रैकेट चलाने का कोई साक्ष्य पुलिस को नहीं मिला है। बुआ ने नवाब सिंह को बचाने के लिए नीलू यादव से रुपये भी लिए थे, जो उसके पैसों के लालच को दर्शाता है। बुआ की क्रूरता और महत्वाकांक्षाओं ने समाज को शर्मसार कर दिया है। इस मामले की न्यायिक प्रक्रिया और पुलिस की जांच से उम्मीद है कि दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी और समाज में विश्वास बहाल होगा।

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