One Nation One Election: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्रीय कैबिनेट की ओर से वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) विधेयक को मंजूरी दी गई जिसके बाद एक देश एक चुनाव को लेकर सदन में खूब हंगामा मचा।विपक्ष की ओर से जहां एक तरफ इस विधेयक का विरोध किया जा रहा है तो वहीं सत्ताधारी दल और उसके साथ शामिल अन्य राजनीतिक दल वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक को देश हित के लिए बता रहे हैं।
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‘ वन नेशन वन इलेक्शन’ के लिए जेपीसी का गठन

इस बीच सरकार की ओर से ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ (One Nation One Election) विधेयक को जेपीसी के लिए भेज दिया गया जिसमें कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी समेत अनुराग ठाकुर,सुप्रिया सुले,मनीष तिवारी,संबित पात्रा,धर्मेंद्र यादव,कल्याण बनर्जी और श्रीकांत एकनाथ शिंदे को जेपीसी में शामिल किया गया है।‘वन नेशन वन इलेक्शन’ विधेयक पर चर्चा के लिए सरकार की ओर से जेपीसी गठित की गई जिस पर चर्चा के बाद सरकार इस विधेयक को पारित करने का प्रयास करेगी।जेपीसी में कुल 31 सदस्य होंगे जिनमें लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सांसदों को शामिल किया गया है।
जेपीसी में शामिल हुईं प्रियंका गांधी

जेपीसी में संख्याबल के हिसाब से सबसे अधिक बीजेपी के सांसद हैं जबकि कांग्रेस की ओर से जिन 3 सांसदों के नाम जेपीसी में शामिल किए गए उनमें प्रियंका गांधी वाड्रा,मनीष तिवारी और सुखदेव भगत का नाम है प्रियंका गांधी जेपीसी में महिलाओं की ओर से नेतृत्व करेंगी।समाजवादी पार्टी की ओर से धर्मेंद्र यादव को जेपीसी में शामिल किया गया है इससे पहले लोकसभा में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का सपा सांसद ने विरोध जताया था और सरकार द्वारा उठाए जा रहे इस कदम को लोकतंत्र की हत्या बताया था।
कल्याण बनर्जी और सुप्रिया सुले भी JPC में शामिल
तृणमूल कांग्रेस की ओर से जेपीसी में कल्याण बनर्जी अपनी बात रखेंगे जबकि एनसीपी (शरद पवार) की तरफ से जेपीसी में सुप्रिया सुले को शामिल किया गया है।आपको बता दें कि,जेपीसी में चर्चा और विचार-विमर्श के बाद ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ विधेयक पर अंतिम निर्णय लोकसभा स्पीकर ओम बिरला लेंगे।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराए जाने के लिए संविधान में 129वां संशोधन विधेयक पेश किया गया था जिसका विपक्षी दलों ने विरोध किया जबकि सरकार ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ (One Nation One Election) विधेयक को देश के लिए जरुरी बताया सदन में विधेयक को पेश किए जाने को लेकर ई वोटिंग कराई गई जिसमें सरकार के पक्ष में 263 वोट जबकि विरोध में 198 वोट पड़े।