पत्रकार सौम्या विश्वनाथन को 15 साल बाद मिला न्याय…

Shankhdhar Shivi
By Shankhdhar Shivi

दिल्ली की साकेत कोर्ट ने पत्रकार सौम्या विश्वनाथन हत्याकांड के चार दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। साल 2008 में सौम्या विश्वनाथन जो कि एक पत्रकार थीं उनी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में पांच लोगों को आरोपी बनाया गया।

Soumya Viswanathan Murder Case: टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथ हत्या मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा जुर्माना भी लगाया गया है। शुक्रवार को दोषियों की सजा पर बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला 25 नवंबर के लिए सुरक्षित रख लिया था। उम्रकैद की सजा पाने वालों में आरोपी रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार उर्फ अजय शामिल हैं। कोर्ट ने इन चारों आरोपियों रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार उर्फ अजय पर 1.25 लाख का जुर्माना भी लगाया है। जबकि एक आरोपी अजय सेठी को तीन साल की सजा सुनाई है।

क्या था सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस मामला ?

साल 2008 में सौम्या विश्वनाथन जो कि एक पत्रकार थीं, उनी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह उस समय अपनी कार से घर लौट रही थीं। इस हत्याकांड में पांच लोगों को आरोपी बनाया गया। जिन्हें लेकर लंबे समय से मुकदमा जारी है। शुक्रवार को इस मामले में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसे लेकर आज फैसला आ गया।

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मकोका क्या होता है ?

साल 1999 में महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) बनाया था, जिसका उद्देश्य राज्य से संगठित और अंडरवर्ल्ड अपराध को खत्म करना है। यह एक्ट दिल्ली और महाराष्ट्र में लागू है, दिल्ली में इसे साल 2002 लागू किया गया। मकोका एक्ट लगने के बाद जमानत नहीं मिलती। अगर पुलिस या जांच एजेंसी ने जांच के 180 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल नहीं की तो इसमें आरोपी को जमानत दी जा सकती है। इस कानून के तहत अधिकतम सजा फांसी और न्यूनतम पांच साल जेल का प्रावधान है।

पांचवें आरोपी को उम्रकैद नहीं…

सुनवाई के दौरान सौम्या की मां से जज ने पूछा कि कुछ कहना है? इस पर पीड़ित मां ने कहा कि 15 साल बाद न्याय मिल जाए। मेरे पति आईसीयू में भर्ती हैं और न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसके बाद साकेत कोर्ट ने चारों दोषी रवि कपूर,अमित शुक्ला, बलजीत सिंह मलिक और अजय कुमार को भारतीय दण्ड विधान की धारा 302 के तहत सौम्या की हत्या का दोषी करार दिया, जबकि पांचवें आरोपी अजय सेठी को हत्या का दोषी नहीं बल्कि लूटा का माल अपने कब्जे में रखने का दोषी माना। इसके चलते अजय सेठी को IPC के सेक्शन 411 के तहत दोषी करार दिया गया।

सौम्या की मां ने क्या कहा…

15 वर्ष की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद शनिवार को पत्रकार सौम्या विश्वनाथन के हत्यारों को सजा मिली है। इससे सौम्या की मां माधवी खुश हैं, लेकिन संतुष्ट नहीं। उनका कहना है कि न्याय के लिए एक तरह से हम भी आजीवन कारावास भोग रहे हैं। अब आरोपियों को सजा हुई है। तो इससे खुशी है जो हुआ अच्छा हुआ। इससे एक संदेश भी गया है कि जो ऐसा करेगा उसे उसके कर्मों की सजा जरूर मिलेगी। इसे पूरी तरह संतुष्ट नहीं कहा जा सकता है, यह कह सकते हैं कि अच्छा हुआ।

पुलिस पूछताछ में पता चला था कि घटना को अंजाम देते वक्त सभी शराब के नशे में भी थे। इन्होंने जैसे ही विश्वनाथन को अकेले गाड़ी चलाते हुए देखा उनकी कार के पीछे लग गए। पहले तो कार को रोकने की कोशिश की, लेकिन जब सौम्या ने कार नहीं रोकी तो रवि कपूर ने फायरिंग कर दी। गोली जाकर सीधे सौम्या को लग गई।

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