Jammu Kashmir Assembly Results 2024: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है और शाम तक तस्वीर साफ हो जाएगी कि राज्य में किसकी सरकार बनेगी. शुरुआती रुझानों में नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) गठबंधन 90 सीटों में से बहुमत हासिल करता नजर आ रहा है. अब तक के आंकड़ों के अनुसार, एनसी 43 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) 28 और कांग्रेस 8 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. दूसरी ओर, पीडीपी केवल 2 सीटों पर आगे है, जिससे पार्टी की स्थिति कमजोर दिखाई दे रही है.
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इल्तिजा मुफ्ती बिजबेहरा सीट से पीछे
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि श्रीगुफवारा-बिजबेहरा विधानसभा सीट, जो पिछले 25 वर्षों से मुफ्ती परिवार और उनकी पार्टी पीडीपी का गढ़ रही है, इस बार नए समीकरणों का सामना कर रही है. यहां से पहली बार चुनाव लड़ रहीं पीडीपी उम्मीदवार इल्तिजा मुफ्ती शुरुआती रुझानों में पीछे चल रही हैं.
नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार बशीर अहमद शाह ने यहां पर बढ़त बना ली है, जबकि बीजेपी ने अपने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) उपाध्यक्ष सोफी यूसुफ को मैदान में उतारा है. आपको बता दे कि इल्तिजा मुफ्ती, जो जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की पोती और महबूबा मुफ्ती की बेटी हैं, इस चुनाव में अपनी विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही थी. लेकिन शुरुआती रुझान उनके लिए निराशाजनक साबित हुए हैं.
इल्तिजा मुफ्ती की प्रतिक्रिया
चुनावी रुझानों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इल्तिजा मुफ्ती ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट किया, “मैं लोगों के फैसले को स्वीकार करती हूं. श्रीगुफवारा-बिजबेहरा के लोगों से मुझे जो प्यार और स्नेह मिला है, वह हमेशा मेरे साथ रहेगा. इस चुनावी अभियान के दौरान कड़ी मेहनत करने वाले मेरे पीडीपी कार्यकर्ताओं का मैं आभार व्यक्त करती हूं.” इस प्रतिक्रिया से यह साफ होता है कि इल्तिजा ने जनता के फैसले को स्वीकार कर लिया है और उन्होंने इस पर संतोष जताया है.
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बिजबेहरा सीट का ऐतिहासिक महत्व
बिजबेहरा विधानसभा सीट मुफ्ती परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण गढ़ रही है. इस सीट से जीतकर पहले मुफ्ती मोहम्मद सईद और बाद में उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के मुख्यमंत्री का पद संभाला था. लेकिन इस बार के चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस के बशीर अहमद शाह, जो पिछले दो चुनावों में उपविजेता रहे थे, इल्तिजा मुफ्ती को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि अंतिम परिणाम किसके पक्ष में जाता है.
2014 के बाद 2024 में चुनाव
जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में आखिरी विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था. करीब 10 साल बाद हुए इस चुनाव में कई बड़े मुद्दे सामने आए, जिनमें जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा और बेरोजगारी प्रमुख रहे. इस चुनाव में उमर अब्दुल्ला, इल्तिजा मुफ्ती, और रविंद्र रैना जैसे बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है. जनता ने मतदान के जरिए अपना फैसला सुनाया है, और अब मतगणना के नतीजों का इंतजार है, जो राज्य के भविष्य का फैसला करेगा.
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