Jammu and Kashmir Assembly Elections: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की छठी सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में 10 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं, जिनमें से पांच मुस्लिम उम्मीदवार हैं। पार्टी ने चुनावी मैदान में उतारे गए उम्मीदवारों में करनाह से मोहम्मद इदरीस करनाही, हंदवाड़ा से गुलाम मोहम्मद मीर, सोनावरी से अब्दुल राशीद खान, बांदीपोरा से नसीर अहमद लोन और गुरेज (एसटी) से फकीर मोहम्मद खान को जगह दी है। इसके अलावा, कठुआ से डॉ. भारत भूषण, बिशनाह से राजीव भगत, मड़ से सुरेंद्र भगत और उधमपुर पूर्वी से आरएस पठानिया को भी टिकट दिया गया है।
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भाजपा के अंदर उठ रही असंतोष की लहर
भाजपा की उम्मीदवारों की सूची को लेकर पार्टी में असंतोष की लहर लगातार बनी हुई है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी और टिकट वितरण को लेकर विरोध प्रदर्शन के बीच यह छठी सूची जारी की गई है। इससे पहले भी पार्टी ने पांच सूचियाँ जारी की थीं, जिनके बाद टिकट वितरण को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था। कई नेताओं ने टिकट न मिलने पर पार्टी से इस्तीफा दिया है और विरोध प्रदर्शन किए हैं। पार्टी के भीतर चल रही खींचतान और नाराजगी के बावजूद, भाजपा चुनावी रणनीति में कोई ढील नहीं देना चाहती है।
भाजपा ने मुस्लिम उम्मीदवारों को क्यों दिया महत्व?
भाजपा की छठी सूची में पांच मुस्लिम उम्मीदवारों का होना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संकेत है। घाटी में मुसलमानों की बहुलता को देखते हुए पार्टी ने इस बार मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने की नीति अपनाई है। यह कदम भाजपा की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें वे क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को संतुलित करने की कोशिश कर रहे हैं। इस चुनावी सूची में मुस्लिम उम्मीदवारों को शामिल करना पार्टी की बहुलवादिता और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है।
कठुआ और उधमपुर पूर्वी सीट पर खास ध्यान
भाजपा ने कठुआ और उधमपुर पूर्वी सीट पर विशेष ध्यान दिया है। कठुआ से डॉ. भारत भूषण का नाम इस सूची में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सीट पिछले चुनावों में भाजपा के लिए एक चुनौती रही है। उधमपुर पूर्वी से आरएस पठानिया का नाम भी प्रमुख है, जहां पूर्व महासचिव पवन खजुरिया भी दावेदार थे। इन सीटों पर पार्टी की सटीक रणनीति और चुनावी प्रचार से जीत की उम्मीद की जा रही है।
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ये है मतगणना की तारीखें
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होंगे। पहले चरण का चुनाव 18 सितंबर को होगा, दूसरे चरण की वोटिंग 25 सितंबर को और तीसरे चरण की वोटिंग एक अक्टूबर को होगी। इसके बाद, 8 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी। पहले मतगणना की तारीख 4 अक्टूबर थी, लेकिन हरियाणा में चुनाव की तारीखों में बदलाव के चलते जम्मू-कश्मीर की मतगणना की तारीख भी बदल दी गई है। भाजपा की छठी सूची और टिकट वितरण की प्रक्रिया से यह स्पष्ट है कि पार्टी हर कदम पर सतर्कता बरत रही है।
पार्टी के भीतर असंतोष और नाराजगी के बावजूद, भाजपा ने चुनावी रणनीति में कोई ढील नहीं दी है और मुस्लिम उम्मीदवारों को मौका देकर सामाजिक समरसता का संदेश देने की कोशिश की है। आगामी चुनाव परिणाम पार्टी की रणनीति और क्षेत्रीय राजनीति में उसकी स्थिति को स्पष्ट करेंगे। इस बार की चुनावी लड़ाई में भाजपा की कोशिश होगी कि वह जम्मू-कश्मीर में अपनी स्थिति मजबूत कर सके और सरकार बनाने का लक्ष्य हासिल कर सके।