Jhansi Medical College fire: झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज (Maharani Laxmi Bai Medical College) की नवजात सघन देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में हाल ही में लगी आग में 10 बच्चों की मौत के बाद प्रदेश सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 3 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है और कॉलेज के प्राचार्य को पद से हटा दिया है। यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा गठित एक जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है।
आग से हुई थी दुर्घटना
15 नवंबर को झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में स्थित एनआईसीयू वार्ड में भीषण आग लग गई थी, जिससे 10 बच्चों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद, प्रदेश सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत एक चार सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है। उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने इस घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
प्राचार्य समेत 3 कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई

चार सदस्यीय समिति की रिपोर्ट के बाद, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य नरेंद्र सिंह सेंगर को उनके पद से हटा दिया गया है। उन्हें अब चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशालय से संबद्ध किया गया है। इसके अलावा, कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहुर को आरोप पत्र देकर उनसे जवाब मांगा गया है। तीन अन्य कर्मचारियों को भी निलंबित कर दिया गया है, जिनमें कॉलेज के अवर अभियंता (विद्युत) संजीत कुमार, एनआईसीयू वार्ड की नर्सिंग प्रभारी सिस्टर संध्या राय और प्रमुख अधीक्षक सुनीता राठौर शामिल हैं।
अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई
साथ ही, कॉलेज के बाल रोग विभाग के प्रमुख ओम शंकर चौरसिया, सर्जरी विभाग के सह-आचार्य कुलदीप चंदेल और विद्युत प्रभारी अधिकारी को भी आरोप पत्र जारी किया गया है। इन अधिकारियों की भूमिका की जांच अब झांसी के मंडलायुक्त को सौंप दी गई है। इस घटना को लेकर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश सरकार इस दुर्घटना को लेकर बेहद संवेदनशील है और पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही, सरकार ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का संकल्प लिया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें।
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समिति की रिपोर्ट पर आधारित कार्रवाई
यह कार्रवाई प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा गठित चार सदस्यीय समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के आदेश के बाद, यह स्पष्ट किया गया है कि झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई इस दुखद घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को बख्शा नहीं जाएगा और उनकी पहचान कर कड़ी सजा दी जाएगी।