उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से 11वीं कक्षा की छात्रा द्वारा आत्महत्या करने की घटना ने सबका दिल दहला दिया है। यह घटना न केवल उसके परिवार के लिए एक बड़ा सदमा बन गई। यह घटना शिक्षा प्रणाली और छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। पुलिस के अनुसार, 16 वर्षीय छात्रा परीक्षा में असफल होने के बाद मानसिक तनाव और अवसाद में थी। उसने अपने माता-पिता से अपनी चिंता और परेशानी के बारे में बात की थी, लेकिन वे उसकी स्थिति को समझ नहीं पाए। छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, “मम्मी-पापा सॉरी, मैं नहीं कर पाई।”
असफलता के लिए काफी परेशान

पुलिस के मुताबिक, 16 वर्षीय छात्रा ने परीक्षा में असफल होने के बाद मानसिक तनाव और अवसाद महसूस किया था। उसने एक दिन पहले ही अपने माता-पिता से अपनी चिंता और परेशानी के बारे में बात की थी, लेकिन वे उसकी स्थिति को सही तरीके से नहीं समझ पाए। छात्रा ने अपनी आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें लिखा था, “मम्मी-पापा सॉरी, मैं नहीं कर पाई।” इस नोट से यह साफ हो गया कि छात्रा अपनी असफलता को लेकर काफी परेशान थी और उसने खुद को इसके लिए दोषी ठहराया था।
छात्रा के कमरे से सुसाइड नोट हुआ बरामद
छात्रा ने जेईई परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था, जिसे लेकर वह काफी निराश और हताश महसूस कर रही थी। यह दबाव इतना बढ़ गया कि उसने अपने जीवन को समाप्त करने का निर्णय लिया। इस घटना के बाद, पुलिस ने छात्रा के कमरे से सुसाइड नोट बरामद किया, जिसमें उसने अपनी असफलता के लिए अपने माता-पिता से माफी मांगी थी।
घटना पर गौतम अडानी की प्रतिक्रिया?
छात्रा की आत्महत्या पर गौतम अडानी ने कहा… अपेक्षाओं के बोझ तले दबकर एक होनहार बेटी का यूं चले जाना काफी हृदयविदारक है। ऐसे पलों में यह एहसास होता है कि जीवन की असल परीक्षा क्या होती है। हमें यह समझना होगा कि जीवन किसी भी परीक्षा से बड़ा होता है। यह केवल हमारे दृष्टिकोण और मानसिकता पर निर्भर करता है कि हम किसी कठिनाई को कैसे स्वीकार करते हैं और उससे कैसे निपटते हैं।

अभिभावकों को भी यह समझना होगा कि बच्चों पर अत्यधिक दबाव डालने से उनकी क्षमता का सही विकास नहीं हो पाता। मैंने अपनी जिंदगी में पढ़ाई के दौरान कई बार असफलता का सामना किया, लेकिन हर बार मैंने इसे एक अवसर के रूप में देखा और अपनी गलतियों से सीखा। मेरी आप सभी से बस यही विनती है – असफलता को कभी आखिरी मंजिल न समझें, क्योंकि जिंदगी हमेशा हमें एक और मौका देती है।
राजस्थान में हुए आत्महत्या की औसत
राजस्थान में JEE Main परीक्षा से संबंधित कुछ आत्महत्या की घटनाएं सामने आई हैं। कोटा में एक छात्रा ने परीक्षा में असफलता के बाद आत्महत्या कर ली। हालांकि, राजस्थान में कुल आत्महत्या की दर राष्ट्रीय औसत से कम है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, राजस्थान में आत्महत्या की दर प्रति लाख व्यक्ति पर 6.6 है, जबकि राष्ट्रीय औसत 12.4 है।