दिल्ली में JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, संजय झा बने कार्यकारी अध्यक्ष

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
संजय झा बने कार्यकारी अध्यक्ष

JDU National Executive Meeting: दिल्ली में जनता दल यूनाइटेड (JDU) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता पार्टी प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की. इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय झा को कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया. नीतीश कुमार ने खुद इस निर्णय की घोषणा दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में की, जहां बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में JDU के वरिष्ठ नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की.

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कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा हुई

बताते चले कि जनता दल यूनाइटेड (JDU) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा हुई. बैठक में संगठन से जुड़ा एक प्रस्ताव पास किया गया, जिसमें नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने अपनी पूरी आस्था जताई. जदयू ने 2025 में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ने का संकल्प भी इस प्रस्ताव में लिया है.इसके साथ ही जेडीयू ने 2024 के झारखंड चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारने और मजबूती से चुनाव लड़ने का फैसला किया. संगठन से जुड़े प्रस्ताव में केंद्र और राज्य सरकार में पार्टी के मंत्रियों को कार्यकर्ताओं से संवाद बनाए रखने के लिए कहा गया है.

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राजनीतिक प्रस्ताव पास किया गया

बैठक में जेडीयू ने लोकसभा चुनावों में पार्टी की जीत के लिए नीतीश कुमार को बधाई दी और एनडीए की जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी बधाई दी. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज देने की पुरानी मांग को भी एक बार फिर नीतीश कुमार की पार्टी द्वारा दोहराया गया. राज्य कास्ट सर्वे रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण का दायरा बढ़ाने के फैसले को सही ठहराया गया और इसे नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की गई.

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पेपर लीक और जाति आधारित गणना पर चर्चा

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों की गहराई से जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है. प्रस्ताव में कहा गया है कि पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए संसद में कठोर कानून बनाए जाने की आवश्यकता है ताकि छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को कड़ा दंड दिया जा सके. बैठक में हाल ही में पटना हाई कोर्ट द्वारा जाति आधारित गणना और विधानमंडल से पारित आरक्षण के नए कानून को रद्द करने के फैसले पर भी चिंता जताई गई. इससे विश्वविद्यालयों में चल रही नामांकन प्रक्रिया प्रभावित होगी. इसके अलावा, सरकार द्वारा युवाओं को 5 लाख सरकारी नौकरी और 34 लाख रोजगार देने की प्रक्रिया में भी व्यवधान आएगा.

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