Jagannath Rath Yatra 2025:भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत आज से पुरी में हो रही है जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु भाग ले रहे हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान जगन्नाथ रथ के शुरु होने पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी साथ ही उन्होंने रथयात्रा के महत्व की विस्तार से जानकारी दी है।पुरी के जगन्नाथ मंदिर में आज श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी है।
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PM मोदी ने जगन्नाथ रथ यात्रा की देशवासियों को दी बधाई

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,“भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के पवित्र अवसर पर सभी देशवासियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। श्रद्धा और भक्ति का यह पावन उत्सव हर किसी के जीवन में सुख, समृद्धि,सौभाग्य और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए,यही मेरी कामना है। जय जगन्नाथ!”
बधाई संदेश में पीएम मोदी ने शेयर किया वीडियो
प्रधानमंत्री ने बधाई संदेश के साथ एक वीडियो भी साझा किया है,जिसमें वे भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के महत्व को बता रहे हैं।वीडियो में उन्होंने कहा, “महाप्रभु हमारे लिए अराध्य भी हैं और प्रेरणा भी। जगन्नाथ हैं तो जीवन है। भगवान जगन्नाथ जनता जनार्दन को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण के लिए जा रहे हैं।”
जगन्नाथ रथ यात्रा एक भारत,श्रेष्ठ भारत के संकल्प का प्रतिबिंब-PM
प्रधानमंत्री,वीडियो में रथयात्रा की विशेषताओं के बारे में बताते हैं कि,यह पूरे विश्व में एक विशिष्ट पहचान रखती है।देश के विभिन्न राज्यों में भव्यता से रथयात्रा निकाली जाती है।पुरी,ओडिशा की रथयात्रा अपने आप में अद्भुत है। पीएम मोदी कहते हैं….इन रथ यात्राओं में हर वर्ग और समाज के लोग जोश और श्रद्धा के साथ भाग लेते हैं,जो एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प का प्रतिबिंब है। इस पावन अवसर पर वे सभी को बधाई देते हैं।
दुनिया भर के कच्छी समुदाय को दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक अन्य पोस्ट में आषाढ़ी बीज के खास मौके पर दुनियाभर के कच्छी समुदाय को शुभकामनाएं दीं।उन्होंने कहा,“आषाढ़ी बीज के विशेष अवसर पर,दुनिया भर के कच्छी समुदाय को हार्दिक शुभकामनाएं।आने वाला वर्ष सभी के लिए शांति,समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए।”
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जगन्नाथ रथ यात्रा
जगन्नाथ रथ यात्रा,जिसे रथ महोत्सव या श्री गुंडिचा यात्रा भी कहा जाता है,ओडिशा में हर साल मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है।यह द्वितीया तिथि को मनाया जाता है,जो चंद्र मास के शुक्ल पक्ष का दूसरा दिन होता है।यह समय चंद्रमा की बढ़ती चमक के कारण आध्यात्मिक रूप से शुभ माना जाता है।
लाखों की संख्या में श्रद्धालु ले रहें हिस्सा
लाखों श्रद्धालु इस प्रसिद्ध रथ यात्रा में भाग लेने के लिए एकत्रित होते हैं,क्योंकि भगवान जगन्नाथ,उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा आज अपने 12वीं शताब्दी के मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक नौ दिवसीय यात्रा पर निकल रहे हैं। भक्तगण भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ — क्रमशः नंदीघोष, तलध्वज और दर्पदलन को लगभग 3 किलोमीटर तक गुंडिचा मंदिर तक खींचेंगे। किंवदंतियों के अनुसार,यह गुंडिचा मंदिर चतुर्धा मूर्ति (भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा और सुदर्शन) का जन्मस्थान माना जाता है।
12 दिनों तक चलती है भगवान जगन्नाथ की यात्रा
देश के विभिन्न हिस्सों में प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है लेकिन ओडिशा के पुरी की यात्रा सबसे बड़ी होती है।पुरी से शुरू होकर यह यात्रा गुंडिचा मंदिर तक जाती है और लगभग 12 दिनों तक चलती है।यह यात्रा 15 जुलाई को नीलाद्रि विजय के साथ समाप्त होती है,जब भगवान जगन्नाथ अपने मूल मंदिर लौटते हैं।यात्रा की तैयारी महीनों पहले से शुरू हो जाती है और इस दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं।राज्य सरकार के विभिन्न विभाग रथ यात्रा को सुरक्षित और सुचारू रूप से आयोजित करने के लिए व्यापक इंतजाम कर रहे हैं।