Jabalpur Factory Blast: मध्य प्रदेश के जबलपुर (Jabalpur) में स्थित आयुध निर्माणी खमरिया में मंगलवार की सुबह एक बड़ा हादसा हो गया. एफ6 अनुभाग में पिच्योरा बम को बॉयल्ड आउट करते समय अचानक फायर हो गया, जिससे भवन में काम कर रहे करीब 12 से 13 लोग घायल हो गए. सभी घायलों को तुरंत महाकौशल हॉस्पिटल भेजा गया, जहां उनका इलाज जारी है. हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू किया गया है.
गंभीर रूप से घायल कर्मचारी

चिकित्सकों के अनुसार, महाकौशल हॉस्पिटल में भर्ती किए गए गंभीर रूप से घायल कर्मचारियों में श्यामलाल और रणधीर का नाम प्रमुख है. दोनों की हालत नाजुक बताई जा रही है. इसके अलावा, अन्य घायलों का भी उपचार चल रहा है. मलबे में कई और कर्मचारियों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है, जिसके चलते बचाव कार्य लगातार जारी है.
ब्लास्ट के कारण और असर
आपको बता दे कि, धमाका मंगलवार सुबह 10:45 बजे ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के एफ6 सेक्शन की बिल्डिंग नंबर 201 में हुआ. इस बिल्डिंग में भारतीय वायुसेना द्वारा उपयोग किए जाने वाले थाउजेंड पाउडर बम का उत्पादन होता है. प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, धमाके में दो कर्मचारी गंभीर रूप से जख्मी हुए थे, जिन्हें इलाज के लिए जबलपुर के महाकौशल हॉस्पिटल ले जाया गया। उपचार के दौरान एक कर्मचारी की मौत हो गई। धमाके से बिल्डिंग पूरी तरह से ध्वस्त हो गई.
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का इतिहास

जबलपुर (Jabalpur) की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का इतिहास ब्रिटिश शासनकाल से जुड़ा है. यह फैक्ट्री भारतीय सेना के लिए हथियार और गोला-बारूद का उत्पादन करने के उद्देश्य से स्थापित की गई थी. आजादी के बाद इस फैक्ट्री का राष्ट्रीयकरण किया गया और इसे भारत सरकार के अधीन लाया गया. यह फैक्ट्री आज भी देश की सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभाती है. घटना के बाद मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है. धमाके की चपेट में आए कर्मचारियों को प्राथमिक उपचार के बाद महाकौशल हॉस्पिटल भेज दिया गया है. मलबे में दबे अन्य लोगों की तलाश भी जारी है. फैक्ट्री के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन द्वारा स्थिति पर नजर रखी जा रही है.
घटना की जांच जारी

वहीं, इस घटना के बाद फैक्ट्री में सुरक्षा उपायों को लेकर सवाल उठ रहे है. प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है. धमाके के कारणों का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की टीम को बुलाया गया है. वहीं, फैक्ट्री के भीतर सुरक्षा मानकों का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
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