Captain Anshuman Singh: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के बहादुर जवानों को सर्वोच्च सैन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में 4 जवानों को कीर्ति चक्र और 2 जवानों को शौर्य चक्र प्रदान किए गए। इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश के देवरिया से ताल्लुक रखने वाले शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह (Captain Anshuman Singh) का नाम भी शामिल है। शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह को राष्ट्रपति ने कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। उनकी पत्नी सृष्टि सिंह ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। समारोह के दौरान सृष्टि सिंह की नम आंखें और गमगीन चेहरा देखकर हर कोई भावुक हो उठा। शादी के महज 5 महीने बाद ही सृष्टि ने अपने पति को हमेशा के लिए खो दिया था।
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फरवरी 2023 में ही हुई थी शादी
पिछले साल फरवरी 2023 में ही कैप्टन अंशुमन सिंह (Captain Anshuman Singh) ने सृष्टि सिंह से विवाह किया था। कुछ समय बाद ही कैप्टन अंशुमन ड्यूटी पर वापस लौट गए। वे पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के आर्मी मेडिकल कोर के कैप्टन थे और उनकी तैनाती सियाचिन ग्लेशियर पर थी। सियाचिन में अपने साथियों की जान बचाते हुए वो शहीद हो गए थे। अंशुमन के पिता रवि प्रताप सिंह, जो खुद सेना में सूबेदार रहे हैं, ने बेटे की शहादत पर गर्व जताया। उन्होंने कहा, “मैं भी एक सैनिक था। सैनिकों के लिए तिरंगे में लिपटकर आना मोक्ष के बराबर होता है। जिस वीरता से अंशुमन ने अपने प्राण न्योछावर किए हैं, मुझे उस पर गर्व है।”
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सियाचिन में शौर्य का प्रदर्शन
सियाचिन ग्लेशियर अपने कठोर मौसम के लिए जाना जाता है, जहां का तापमान हमेशा माइनस डिग्री सेल्सियस में रहता है। जुलाई 2023 में सियाचिन पर आर्मी के बंकरों में अचानक आग लग गई। इस दौरान कई सैनिक बंकर में फंस गए थे। कैप्टन अंशुमन (Captain Anshuman Singh) ने बहादुरी का परिचय देते हुए बंकर में घुसकर 4 सैनिकों को सुरक्षित बाहर निकाला। हालांकि, वे खुद बंकर में फंस गए और आग की चपेट में आ गए। अंशुमन को बंकर से बाहर निकालकर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्होंने वहां दम तोड़ दिया।
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गांव में छाया मातम
कैप्टन अंशुमन सिंह के शव को हेलिकॉप्टर से उनके पैतृक गांव देवरिया लाया गया। उनकी मौत की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। उनकी मां और बहन का रो-रो कर बुरा हाल हो गया था, और पत्नी सृष्टि सिंह पति को खोने के गम में बेहोश हो गई थीं। जब सृष्टि को होश आया, तो उन्होंने आखिरी बार पति को देखने की इच्छा जताई, लेकिन उनका यह सपना भी अधूरा रह गया। अंशुमन का चेहरा बुरी तरह झुलस गया था और चेहरे पर कपड़ा रखा गया था। उनकी मां और पत्नी उन्हें आखिरी बार देखने के लिए बिलखती रहीं, मगर उनकी यह ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी। 21 जुलाई 2023 को अंशुमन का अंतिम संस्कार भागलपुर में सरयू नदी के किनारे हुआ।
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सीएम योगी ने व्यक्त किया शोक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंशुमन की शहादत पर शोक व्यक्त किया था। सीएम योगी ने परिवार को 50 लाख रुपये की धनराशि और एक सरकारी नौकरी देने का वादा किया है। साथ ही उन्होंने गांव की एक सड़क का नाम कैप्टन अंशुमन सिंह के नाम पर रखने के आदेश भी दिए गए है।