Israel Iran Attacks Live:ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका की ओर से ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर की गई सैन्य कार्रवाई से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बड़ा मोड़ आ गया है। अमेरिका के इस कदम से जहां ईरान में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं इजरायल ने इसका खुले तौर पर स्वागत किया है।इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आभार जताते हुए इसे “दुनिया को सुरक्षित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम” बताया।
Read more : Iran – Israel War: इजरायली हमले में ईरान के IRG के दो शीर्ष कमांडर की मौत का दावा ! तेहरान ने नहीं की पुष्टि
तीन परमाणु ठिकानों पर अमेरिका का हमला
रविवार को अमेरिकी सेना ने ईरान के तीन बड़े परमाणु स्थलों—फोर्डो, नतांज और इस्फहान—पर हवाई हमले किए। यह कार्रवाई अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर की गई और उन्होंने खुद इस ऑपरेशन को “बहुत सफल” बताया।अमेरिका की इस सैन्य कार्रवाई को इजरायल ने एक साहसिक और आवश्यक कदम बताया है, जो मध्य पूर्व में संतुलन बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी था।
Read more :Iran-Israel Conflict: भारत बना नेपाल-श्रीलंका का सहारा,दोनों देशों के अनुरोध पर मदद के लिए आया आगे
नेतन्याहू का ट्रंप को धन्यवाद
इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अमेरिका के इस फैसले की सराहना करते हुए कहा,“ताकत के जरिए ही शांति आती है। अमेरिका ने वह कर दिखाया है जो इस धरती पर कोई और देश नहीं कर सकता। यह इतिहास में दर्ज होगा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनिया के सबसे खतरनाक शासन को दुनिया के सबसे खतरनाक हथियारों से वंचित करने का साहसिक निर्णय लिया।”नेतन्याहू ने आगे कहा कि अमेरिका की यह कार्रवाई केवल इजरायल के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम है। उन्होंने ट्रंप को “सच्चा मित्र” और “वैश्विक नेतृत्वकर्ता” बताया।
इजरायल ने क्यों जताई खुशी?
इजरायल लंबे समय से ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को अपने लिए खतरा मानता रहा है। तेहरान द्वारा गुप्त रूप से परमाणु हथियार विकसित करने की संभावनाओं को लेकर इजरायल लगातार वैश्विक मंचों पर चिंता जताता रहा है। ऐसे में अमेरिका द्वारा ईरान के संवेदनशील परमाणु ठिकानों पर हमला इजरायल के लिए रणनीतिक तौर पर राहत लेकर आया है।
क्या कहता है अमेरिकी पक्ष?
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि अमेरिका ने यह कार्रवाई “दुनिया में स्थिरता बनाए रखने और परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने” के उद्देश्य से की है। उनका कहना है कि अमेरिका युद्ध नहीं चाहता, लेकिन ईरान जैसे खतरनाक राष्ट्रों को परमाणु हथियारों तक पहुंच नहीं दी जा सकती।
नया मोड़ या नई जंग?
ईरान, इजरायल और अमेरिका के बीच तेजी से बढ़ रहे तनाव ने वैश्विक चिंता को बढ़ा दिया है। जहां एक ओर इजरायल अमेरिका की कार्रवाई का स्वागत कर रहा है, वहीं ईरान की प्रतिक्रिया आने वाले समय में इस टकराव को और भयानक बना सकती है।यह देखना अब बाकी है कि क्या यह सिर्फ एक सीमित सैन्य कार्रवाई थी या फिर एक बड़े संघर्ष की शुरुआत। मगर फिलहाल, इजरायल ने अमेरिका के इस कदम को एक बड़ी जीत के रूप में देखा है।