Iran Israel war: मध्य पूर्व में चल रहा ईरान और इजरायल के बीच का टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है। 13 जून को इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हमले के बाद से दोनों देशों के बीच हालात युद्ध जैसे बन चुके हैं। इस संघर्ष को अब 10 दिन पूरे हो चुके हैं और बीती रात की घटनाएं बेहद भयावह रही हैं। अमेरिका के हालिया हस्तक्षेप के बाद ईरान ने इजरायल के कई प्रमुख शहरों पर मिसाइलों की बारिश कर दी है।
865 लोगों की मौत, दर्जनों घायल
ईरान पर इजरायली हवाई हमले के बाद अब तक कुल 865 नागरिकों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि हजारों लोग गंभीर रूप से घायल हैं। ईरानी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इजरायल ने इस्फहान, फोर्डो और नतांज जैसे परमाणु स्थलों को निशाना बनाते हुए एयरस्ट्राइक की थी।इसके जवाब में, ईरानी सेना ने रविवार देर रात तेल अवीव, हाइफा, बेर्शेबा और अन्य इजरायली शहरों पर मिसाइलें दागीं। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और इसे “जवाबी कार्रवाई” बताया है।
तेल अवीव में तबाही, 11 घायल
ईरान द्वारा किए गए मिसाइल हमलों में इजरायल की राजधानी तेल अवीव सबसे अधिक प्रभावित हुई है। यहां कम से कम 11 लोग घायल हुए हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। स्थानीय अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं जारी हैं, जबकि सेना ने पूरे क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया है।
अमेरिका की कार्रवाई ने बढ़ाया संकट
इस क्षेत्रीय संघर्ष में अब अमेरिका की सक्रिय भागीदारी ने हालात को और जटिल बना दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला करने की पुष्टि की है। अमेरिकी रक्षा अधिकारियों के अनुसार, यह हमला ईरान की न्यूक्लियर क्षमताओं को कमजोर करने के लिए किया गया।व्हाइट हाउस का कहना है कि अमेरिका शांति चाहता है, लेकिन अगर ईरान हमला करता है तो उसका जवाब दिया जाएगा। ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा है कि, “अब युद्ध खत्म करने का वक्त है, वरना अंजाम और बुरे होंगे।”
मध्य पूर्व में युद्ध की आहट
संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थाएं लगातार अपील कर रही हैं कि सभी पक्ष संयम बरतें और बातचीत के माध्यम से हल निकालें। लेकिन जिस तरह से मिसाइल और बमबारी का आदान-प्रदान हो रहा है, उससे मिडिल ईस्ट में पूर्ण युद्ध की आशंका बढ़ती जा रही है।