Manipur में इंटरनेट सेवाओं पर लगाई पाबंदी, उग्रवादी हमलों और छात्र विरोध के बीच राज्य में शांति बहाली की कोशिश

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Manipur Violence

Manipur Violence: मणिपुर सरकार ने राज्य में हाल ही में कूकी उग्रवादियों द्वारा किए गए ड्रोन, मिसाइलों और अन्य अत्याधुनिक हथियारों के हमलों के मद्देनजर इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगा दी है। यह पाबंदी मंगलवार से 15 सितंबर तक लागू रहेगी। राज्य सरकार का यह कदम इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं के दुरुपयोग को रोकने और राज्य में मौजूदा स्थिति को नियंत्रण में लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

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राज्यपाल ने की अपील

मणिपुर के राज्यपाल एल.पी. आचार्य ने हिंसा को किसी भी समस्या का समाधान न मानते हुए कहा है कि सभी को मिलकर इस समस्या से निपटने के लिए प्रयास करना होगा। उन्होंने समाज के सभी वर्गों, छात्र संगठनों और जन नेताओं से शांति और सद्भाव स्थापित करने की अपील की है। आचार्य ने बयान में स्पष्ट किया कि हिंसा के समाधान की दिशा में सभी को अपना योगदान देना चाहिए और शांतिपूर्ण तरीकों से समस्या का समाधान ढूंढना चाहिए।

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सोशल मीडिया का न हो दुरुपयोग, इसीलिए लिया फैसला

कूकी उग्रवादियों द्वारा की गई हिंसा, जिसमें ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया, के चलते मणिपुर में डर और गुस्से का माहौल बन गया है। इस हिंसा के कारण राज्य सरकार ने इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगाने का निर्णय लिया है। सरकार ने आशंका जताई है कि असामाजिक तत्व सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर सकते हैं, जिससे राज्य में हिंसा भड़क सकती है।

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अस्थायी इंटरनेट पाबंदी के दिए आदेश

मणिपुर सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि 10 सितंबर की दोपहर 3 बजे से 15 सितंबर की दोपहर 3 बजे तक राज्य में लीज लाइन, वी-सैट, ब्रॉडबैंड और वीपीएन सेवाओं सहित सभी इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया जाएगा। यह कदम हिंसा को बढ़ावा देने वाली ऑनलाइन गतिविधियों को रोकने के लिए उठाया गया है। मणिपुर में पिछले एक साल से हिंदू मैतेई बहुसंख्यक और ईसाई कुकी समुदाय के बीच झड़पें होती रही हैं, जिससे राज्य में जातीय संघर्ष बढ़ गया है। पिछले सप्ताह हुई हिंसा में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और इसके बाद से राज्य की राजधानी इंफाल और आसपास के क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया।

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जिलों में लगाया कर्फ्यू

सोमवार को छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद पुलिस के साथ झड़पें हुईं। प्रदर्शनकारी विद्रोहियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे, जिन्होंने हाल ही में रॉकेट और ड्रोन हमलों का उपयोग किया था। इन विरोध प्रदर्शनों के बाद पुलिस को शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कर्फ्यू लगाने का निर्णय लेना पड़ा। पिछले 16 महीनों में लगातार झड़पों, ड्रोन हमलों और अन्य हमलों ने मणिपुर को अस्थिर कर दिया है। मई 2023 से शुरू हुए जातीय संघर्षों में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। इस हिंसा ने मणिपुर की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, और राज्य सरकार के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर दी है।

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