Loksabha Election 2024:जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव 2024 की तारीख अब बेहद करीब आ रही है वैसे-वैसे देश में चुनावी माहौल बेहद रोमांचक हो चला है.कहते हैं दिल्ली की कुर्सी का रास्ता यूपी से होकर जाता है इसलिए सभी राजनीतिक दलों की ओर से सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले प्रदेश उत्तर प्रदेश पर बारीकी से नजर रखी जा रही है.यूपी में 80 लोकसभा सीटें हैं जहां भारतीय जनता पार्टी का दावा है कि,वो सभी 80 सीटें जीतकर अन्य राजनीतिक दलों को शून्य पर समेट देगी।
धनंजय सिंह की पत्नी को बसपा ने दिया मौका
वैसे तो अब तक यूपी में सपा और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही थी लेकिन अभी तक साइलेंट मोड में रहीं बहन जी ने धीरे-धीरे अपने पत्ते खोलकर सपा और भाजपा की टेंशन बढ़ाना शुरु कर दिया है.बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज 11 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया है जिसमें उन्होंने जौनपुर लोकसभा सीट पर पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को चुनावी मैदान में उतारा है।
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सपा और भाजपा की बढ़ाई टेंशन
मायावती ने जौनपुर से धनंजय सिंह की पत्नी को टिकट देकर सपा और भाजपा दोनों की टेंशन बढ़ा दी है.श्रीकला रेड्डी जौनपुर से जिला पंचायत अध्यक्ष भी हैं.वहीं बीजेपी ने इस बार महाराष्ट्र सरकार में गृह मंत्री रहे कृपा शंकर सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है जबकि समाजवादी पार्टी की ओर से यूपी सरकार में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को इस बार चुनाव में मौका दिया गया है.चूंकि 2019 लोकसभा चुनाव में जौनपुर सीट पर भाजपा की हार हुई थी ऐसे में कृपा शंकर सिंह जो ठाकुर बिरादरी से आते हैं और मूल रुप से जौनपुर के रहने वाले हैं उनके सामने मायावती ने धनंजय सिंह की पत्नी को चुनाव में उतारकर ठाकुर बनाम ठाकुर की लड़ाई की माहौल बना दिया है।
मुस्लिम वोटरों को अपने पक्ष में करने में जुटी बसपा
बसपा सुप्रीमो मायावती यूपी में प्रत्याशियों को चुन-चुनकर टिकट दे रही हैं इससे बीजेपी की परेशानी बढ़ी है.पश्चिमी यूपी की अधिकतर सीटों पर मुस्लिम वोचर काफी ज्यादा प्रभावी हैं जहां सहारनुपर में इमरान मसूद कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं वहीं बसपा ने इस सीट पर माजिद अली को टिकट दिया है.मुरादाबाद में सपा ने वर्तमान सांसद एस टी हसन का टिकट काटकर रुचि वीरा को दिया.बसपा ने यहां से इरफान सैनी को चुनाव में उतारा है.बसपा सुप्रीमो यूपी में मुस्लिम,दलित वोटरों को साधने में लगी हैं इससे सपा का नुकसान होना तय है क्योंकि मायावती खुद को मुसलमानों की असली नेता बता रहीं उनका सपा पर आरोप है कि,समाजवादी पार्टी ने उन सीटों पर भी हिंदू उम्मीदवार उतारा है जहां मुस्लिम वोटरों का दबदबा है।
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इंडिया गठबंधन की राह और भी मुश्किल
पश्चिमी यूपी में कई सीटों पर मुस्लिम वोटर काफी ज्यादा प्रभावी हैं.पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो मुरादाबाद मंडल की सभी 6 सीटों पर बीजेपी को हार मिली थी.रामपुर,अमरोहा,बिजनौर,नगीना,संभल और मुरादाबाद लोकसभा सीटों पर बीजेपी अपना खाता भी नहीं खोल सकी थी.इस बार भी बसपा ने अधिकतर सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारकर इंडिया गठबंधन को मुश्किल में ला दिया है।बसपा के उम्मीदवारों की वजह से ना सिर्फ इंडिया गठबंधन की बल्कि भाजपा की मुश्किलें भी बढ़ रही हैं.आजमगढ़ में मुस्लिम वोटर की तादाद काफी ज्यादा है जहां से अखिलेश यादव ने अपने चचेरे भाई धर्मेन्द्र यादव को सपा का उम्मीदवार बनाया है जबकि बीजेपी से सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ चुनाव लड़ रहे हैं.बसपा ने यहां से भीम राजभर को टिकट दिया है इससे बीजेपी के वोट कटने का खतरा बढ़ गया है.यहां पर उपचुनाव में बीजेपी को जीत मिली थी.माना जाता है कि,आजमगढ़ में मुस्लिम वोटर एकजुट होकर जिसके साथ गया उसकी जीत लगभग तय है।
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आकाश आनंद के दमदार भाषण का दिख रहा प्रभाव
मायावती ने अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर भतीजे आकाश आनंद को चुन लिया है जो इन दिनों खूब धुंआधार प्रचार कर रहे हैं.आकाश आनंद के चुनावी जनसभा में दिए जा रहे भाषणों की खूब तारीफ हो रही है जो लगातार अपने भाषणों में भाजपा को टारगेट कर रहे हैं.उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर देश के लोगों से झूठ बोलने का आरोप लगाया है इसके साथ ही आकाश आनंद राम मंदिर,मुफ्त में दिये जा रहे अनाज और महंगाई-बेरोजगारी के मुद्दे पर भाजपा को लगातार घेरते दिखाई दिए हैं.इससे बसपा पार्टी को काफी ज्यादा फायदा लोकसभा चुनाव में मिलने वाला है,इसके अलावा 2027 में यूपी के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से बसपा दमदार वापसी करती हुई दिखाई देगी ऐसा लोगों का मानना है।