IndusInd Bank Stock Crash Recovery: प्राइवेट सेक्टर के प्रमुख बैंक, इंडसइंड बैंक, इन दिनों चर्चा में हैं। बैंक के डेरिवेटिव खातों में गड़बड़ी सामने आने के बाद बैंक के शेयरों में 27% की भारी गिरावट आई थी। इस गिरावट ने बैंक के मार्केट कैप को भी भारी नुकसान पहुँचाया। हालांकि, इसके बाद बैंक के शेयरों में कुछ सुधार देखने को मिला है, लेकिन यह सवाल उठता है कि आगे क्या होगा? क्या इंडसइंड बैंक के शेयरों का बुरा समय अब खत्म हो चुका है या फिर इसमें और गिरावट देखने को मिल सकती है?
डेरिवेटिव गड़बड़ी से बैंक की नेट वर्थ पर असर

इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में गड़बड़ी के कारण, यह सामने आया कि फॉरेक्स हेजिंग में गलतियाँ हुई थीं, जिसके चलते पिछले कुछ तिमाहियों में मुनाफे को अधिक दिखाया गया। इस गड़बड़ी का असर बैंक की नेट वर्थ पर 2.35% तक पड़ने की आशंका जताई जा रही है। इस खबर के सामने आते ही बैंक के शेयरों में भारी गिरावट आई थी, और 11 मार्च को एक दिन में बैंक के शेयरों ने अब तक की सबसे बड़ी गिरावट का सामना किया। इसके बाद, बैंक के शेयरों में कुछ सुधार दिखा, लेकिन यह स्थिति पूरी तरह से स्थिर नहीं हुई है।
शेयरों की स्थिति में अस्थिरता
इंडसइंड बैंक के शेयरों में 11 मार्च को आई भारी गिरावट के बाद, निवेशकों को चिंता थी कि अगले दिन भी शेयर गिर सकते हैं। हालांकि, बैंक के मैनेजमेंट के बयानों से निवेशकों को कुछ राहत मिली। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बैंक के शेयरों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है और इसे सामान्य स्थिति में लौटने में समय लग सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, शेयर बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव के चलते जल्दबाजी में निवेश से बचना चाहिए।
NSE ने लागू किया ASM

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने 13 मार्च को इंडसइंड बैंक के शेयर को ASM (Additional Surveillance Measure) लिस्ट में डालने का ऐलान किया। ASM लिस्ट में ऐसे शेयर शामिल किए जाते हैं जो अचानक बहुत ज्यादा ऊपर-नीचे हो रहे हों। इस लिस्ट में शामिल होने के बाद शेयरों पर कुछ विशेष नियम और प्रतिबंध लागू होते हैं। इसका उद्देश्य सट्टेबाजी को रोकना है और निवेशकों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
इंडसइंड बैंक का मार्केट कैप और स्थिति में गिरावट
इंडसइंड बैंक का मार्केट कैप इस समय 52,379 करोड़ रुपये है। 11 मार्च को इसके मार्केट कैप में भारी गिरावट आई थी, जिसके बाद यह देश के प्रमुख प्राइवेट बैंकों में अपनी पोजीशन में कमजोर हुआ है। वर्तमान में, HDFC बैंक सबसे बड़े प्राइवेट बैंक के रूप में अपनी जगह बनाए हुए है, जबकि इंडसइंड बैंक पांचवें स्थान पर है।
इंडसइंड बैंक के मैनेजमेंट ने दी राहत की बातें

इंडसइंड बैंक के मैनेजमेंट ने इस संकट पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि बैंक की वित्तीय स्थिति मजबूत है। यदि पूंजी जुटाने की आवश्यकता पड़ी तो प्रमोटर तैयार हैं। बैंक के एमडी और सीईओ, सुमंत कटपालिया, ने कहा कि बैंक की संपत्ति और देनदारियां मजबूत हैं, और ग्राहकों को किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
इंडसइंड बैंक के ग्राहक और वैश्विक मौजूदगी
इंडसइंड बैंक के देशभर में 4.2 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं। बैंक की 3,063 शाखाएं और 2,993 एटीएम हैं, साथ ही इसकी लंदन, दुबई और अबू धाबी में भी मौजूदगी है। 1994 में स्थापित इस बैंक के प्रमोटर हिंदुजा ब्रदर्स हैं, जो अरबपति अप्रवासी भारतीय हैं। हाल ही में, अशोक हिंदुजा ने कहा कि बैंक इस संकट से जल्दी उबर जाएगा और निवेशकों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है।

इंडसइंड बैंक के शेयरों में आई गिरावट और उसके बाद के सुधार ने निवेशकों को मिश्रित संकेत दिए हैं। जबकि बैंक के मैनेजमेंट की ओर से राहत देने वाली बयानबाजी की गई है, विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और जल्दबाजी में निवेश से बचना चाहिए।