IndusInd Bank share price:इंडसइंड बैंक के शेयर 22 अप्रैल को 6 प्रतिशत की गिरावट के साथ 776 रुपये प्रति शेयर पर आ गए। इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण बैंक के बोर्ड द्वारा माइक्रोफाइनेंस ब्याज विसंगति को लेकर अर्न्स्ट एंड यंग (EY) को एक नए फोरेंसिक ऑडिट के लिए नियुक्त करना है। यह दूसरा ऑडिट बैंक के माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो से संबंधित 600 करोड़ रुपये की ब्याज आय की विसंगति पर केंद्रित होगा।
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GTB की जांच
EY की यह जांच ग्रांट थॉर्नटन भारत (GTB) द्वारा की जा रही मौजूदा जांच के साथ समानांतर रूप से चलेगी। GTB की जांच का केंद्र बिंदु बैंक के फॉरेक्स डेरिवेटिव पोर्टफोलियो से जुड़ी लेखांकन अनियमितताएं हैं। EY का ऑडिट मैनडेट संभावित परिचालन चूक, किसी भी तरह की धोखाधड़ी की संभावना और संबंधित जिम्मेदारियों की पहचान करना है।
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PwC की रिपोर्ट
इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में, इंडसइंड बैंक ने PricewaterhouseCoopers (PwC) को भी नियुक्त किया था ताकि वह बैंक के फॉरेक्स डेरिवेटिव अकाउंटिंग की स्वतंत्र समीक्षा कर सके। PwC की रिपोर्ट में संभावित नुकसान 1,979 करोड़ रुपये बताया गया, जो प्रारंभिक अनुमान 1,600 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इन निष्कर्षों के साथ पर्याप्त अस्वीकरण जुड़े हुए हैं। यह अनुमानित घाटा बैंक की कुल संपत्ति का लगभग 3.1 प्रतिशत है।
कॉर्पोरेट पुनर्गठन का ऐलान
बैंक के भीतर चल रहे इन मुद्दों के बीच, इंडसइंड बैंक ने एक प्रमुख कॉर्पोरेट पुनर्गठन का ऐलान भी किया है। बैंक ने संतोष कुमार को उप मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) के रूप में पदोन्नत किया है। वह अरुण खुराना की जगह लेंगे, जो जनवरी से अंतरिम CFO की भूमिका निभा रहे थे और ट्रेजरी संचालन का नेतृत्व कर रहे थे।
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बैंक के कुल शेयरों में गिरावट
बता दे… 10 मार्च को जब बैंक ने पहली बार अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में अनियमितताओं का खुलासा किया था, तब से अब तक बैंक के शेयरों में कुल 11 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि, पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में शेयरों में 16 प्रतिशत की तेजी आई है, जो दर्शाता है कि बैंक की ओर से उठाए गए त्वरित कदमों और जांच प्रक्रिया की शुरुआत से निवेशकों का भरोसा फिर से बनना शुरू हुआ है।