India Defence Export: भारत अब आयात-निर्भर सैन्य शक्ति नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादक राष्ट्र के रूप में तेजी से उभर रहा है। वर्ष 2013-14 में जहां देश का रक्षा निर्यात मात्र 686 करोड़ रुपये था, वहीं वित्त वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर 23,622 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह बीते दस वर्षों में 34 गुना की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है।रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024-25 के दौरान रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (DPSUs) ने अपने निर्यात में 42.85 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है। इस अवधि में कुल रक्षा निर्यात में निजी क्षेत्र का योगदान 15,233 करोड़ रुपये रहा, जबकि डिफेंस PSU का निर्यात 8,389 करोड़ रुपये रहा।
10 साल में 34 गुना बढ़ा भारत का रक्षा निर्यात
इसके साथ ही, निर्यात प्राधिकरणों में 16.92 प्रतिशत और रक्षा उत्पादों के निर्यात में लगी कंपनियों की संख्या में 17.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। आज भारत लगभग 100 देशों को स्वदेशी रक्षा उपकरणों का निर्यात कर रहा है, जिससे देश की वैश्विक स्तर पर रक्षा क्षेत्र में साख लगातार बढ़ रही है।वर्ष 2029 तक रक्षा निर्यात को 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य देश को वैश्विक रक्षा विनिर्माण में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर में दुनिया ने देखी भारत की ताकत
भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को अपना निशाना बनाया भारत की सेना ने मजबूत और सटीक रक्षा प्रणाली के दम पर पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया।पाकिस्तान के ऊपर भारत की ओर से किए सैन्य हमले की ताकत दुनिया ने देखा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए पाकिस्तान को साफ संदेश दिया है कि,पाकिस्तान के साथ सिर्फ आतंकवाद और पीओके पर वार्ता होगी साथ ही सिंधु जल संधि को लेकर भी पीएम मोदी ने साफ कर दिया है कि,पानी और खून एकसाथ नहीं बह सकता।
2029 तक रक्षा निर्यात 50 हजार करोड़ तय करने का लक्ष्य
भारत सरकार ने रक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है भारत आज दुनिया के 80 देशों में रक्षा उपकरणों का निर्यात करता है पिछले 10 सालों में इसमें 34 गुणा भारी इजाफा हुआ है।साल 2013-14 में जहां भारत का रक्षा निर्यात 686 करोड़ रुपये हुआ करता था वहीं अब ये बढ़कर 23,622 करोड़ रुपये हो चुका है।आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार लगातार रक्षा स्वक्षेत्र में स्वदेशी हथियारों के उत्पादन पर जोर दे रही है।भारत का लक्ष्य 2029 तक रक्षा निर्यात 50 हजार करोड़ रुपये तक करने का है जिन हथियारों को भारत निर्यात करता है,वो हैं- आकाश, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, पिनाका रॉकट।