महान भारतीय परमाणु वैज्ञानिक डॉ. आर चिदंबरम का 4 जनवरी (आज) मुंबई में सुबह 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे 1974 और 1998 में पोखरण में भारत के दोनों परमाणु विस्फोटों में एक प्रमुख खिलाड़ी थे। उन्होंने भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और बाद में भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार बने। भारत को परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र बनाने में उनके शानदार योगदान के लिए उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। प्रशिक्षण से एक परमाणु भौतिक विज्ञानी, वे अपनी संक्षिप्तता, विनम्र व्यवहार और राष्ट्रीय रहस्यों की सुरक्षा में विवेक के लिए जाने जाते थे।उनके असाधारण योगदान के लिए डॉ. चिदंबरम को कई पुरस्कारों और सम्मान से नवाजा गया।
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डॉ. चिदंबरम के योगदान

डॉ. चिदंबरम ने 1974 और 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1998 के ऑपरेशन शक्ति में उन्होंने परमाणु घटक का नेतृत्व किया, जिससे वे उन दुर्लभ वैज्ञानिकों में से एक बन गए जिन्होंने दोनों परीक्षणों में योगदान दिया।
वैज्ञानिक उपलब्धियां
डॉ. चिदंबरम ने 1998 में भारत को परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र बनाने में निर्णायक भूमिका निभाई। उन्हें उनके अद्वितीय योगदान के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
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विज्ञान में खास योगदान
वे एक परमाणु भौतिक विज्ञानी थे और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनका दृढ़ विश्वास था कि आत्मनिर्भरता और स्वदेशी तकनीकों पर निर्भरता भारत के लिए महत्वपूर्ण है।डॉ. चिदंबरम ने भारत में सुपरकंप्यूटरों का स्वदेशी विकास और राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क की अवधारणा को प्रस्तुत किया, जिसने देशभर के अनुसंधान और शैक्षिक संस्थानों को जोड़ा।
परमाणु ऊर्जा विभाग का बयान
“डॉ. राजगोपाला चिदंबरम, एक प्रख्यात भौतिक विज्ञानी और भारत के सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों में से एक, का आज सुबह (4 जनवरी 2025) 3:20 बजे निधन हो गया। उनके अद्वितीय योगदान और दूरदर्शी नेतृत्व को हमेशा याद किया जाएगा।”
उनकी करियर की प्रमुख भूमिका
- प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (2001-2018)
- भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के निदेशक (1990-1993)
- परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव (1993-2000)
- IAEA के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष और IAEA के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के आयोग के सदस्य

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शिक्षा और करियर की शुरुआत
डॉ. चिदंबरम ने प्रेसीडेंसी कॉलेज, चेन्नई और भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु से शिक्षा प्राप्त की।डॉ. चिदंबरम ने उच्च दाब भौतिकी, क्रिस्टलोग्राफी और पदार्थ विज्ञान में अपने अनुसंधान से वैज्ञानिक समुदाय की समझ को बढ़ाया। उनका कार्य भारत में आधुनिक पदार्थ विज्ञान अनुसंधान का आधार बना।
भारत के राष्ट्रीय विकास में योगदान
डॉ. चिदंबरम ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं और परियोजनाओं का संचालन किया, जैसे कि ग्रामीण प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन एंड सिक्योरिटी (SETS) कार्यक्रम। उन्होंने भारत के वैज्ञानिक प्रयासों में ‘सुसंगत तालमेल’ पर भी जोर दिया।