FDI India 2025: आर्थिक क्षेत्र में तेजी से तरक्की कर रही भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत जल्द विकसित देशों की श्रेणी में आने के लिए प्रयासरत है।मंगलवार को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 2024-25 में कुल निवेश का सेवा क्षेत्र में सर्वाधिक 19प्रतिशत,कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में 16 प्रतिशत और ट्रेडिंग में 8 प्रतिशत निवेश हुआ है।भारत में वित्त वर्ष 2024-25 में 81 अरब 4 करोड़ डॉलर का प्रत्यक्ष निवेश हुआ है जो वित्त वर्ष 2023-24 के 71 अरब 28 करोड़ डॉलर की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक है।
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ऊपर की ओर बढ़ती हुई भारतीय अर्थव्यवस्था
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि,2024-25 में कुल निवेश का सेवा क्षेत्र में सर्वाधिक 19 प्रतिशत,कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में 16 प्रतिशत और ट्रेडिंग में 8 प्रतिशत निवेश हुआ है।सेवा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भी पिछले वर्ष के 6 अरब 64 करोड़ डॉलर से 40.77% बढ़कर 9 अरब 35 करोड़ डॉलर हो गया। भारत विनिर्माण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का केंद्र भी बन रहा है जो वित्त वर्ष 2024-25 में 18% बढ़कर 19 अरब 4 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया,जबकि 2023-24 में यह 16 अरब 12 करोड़ डॉलर था।
2024-25 में 81 बिलियन डॉलर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दर्ज
केंद्र सरकार ने निवेशक अनुकूल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति लागू की है,जिसके तहत अधिकांश क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के शत-प्रतिशत मार्ग खुल गए हैं।वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की मंगलवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह 14% बढ़कर 81 बिलियन डॉलर हो गया।वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए एफडीआई प्रवाह कुल 71.28 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। मंत्रालय इस वृद्धि का श्रेय “निवेशक-अनुकूल” प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति को देता है, जिसके तहत अधिकांश क्षेत्र स्वचालित मार्ग के माध्यम से 100% एफडीआई के लिए खुले हैं।
इक्विटी इनफ्लो में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी सबसे अधिक
वित्त वर्ष 2024-25 में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश इक्विटी इनफ्लो में महाराष्ट्र का हिस्सा सबसे अधिक (39%) रहा दूसरे नंबर पर कर्नाटक (13%) और तीसरे स्थान पर दिल्ली (12%) का रहा।स्रोत देशों में सिंगापुर 30% हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे रहा,उसके बाद मॉरीशस (17%) और संयुक्त राज्य अमेरिका (11%) का स्थान रहा।
FDI के लिए बढ़ी स्त्रोत देशों की संख्या
बीते 11 वित्त वर्षों (2014-25) में, भारत ने 748.78 बिलियन अमेरिकी डॉलर का एफडीआई आकर्षित किया, जो बीते 11 वर्षों (2003-14) की तुलना में 143% बढ़ोतरी को दर्शाता है, जिसमें 308.38 बिलियन अमेरिकी डॉलर का इनफ्लो हुआ था।यह बीते 25 वर्षों में प्राप्त कुल 1,072.36 बिलियन अमेरिकी डॉलर के एफडीआई का लगभग 70% है।एफडीआई के लिए स्रोत देशों की संख्या वित्त वर्ष 2013-14 में 89 से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 112 हो गई,जो एक निवेश गंतव्य के तौर पर भारत की बढ़ती वैश्विक अपील को रेखांकित करती है।
कई क्षेत्रों में हुए परिवर्तनकारी सुधार
विनयमन क्षेत्र में,सरकार ने एफडीआई मानदंडों को उदार बनाने के लिए कई क्षेत्रों में परिवर्तनकारी सुधार किए हैं। 2014 और 2019 के बीच महत्वपूर्ण सुधारों में रक्षा,बीमा और पेंशन क्षेत्रों में एफडीआई सीमा में बढ़ोतरी और निर्माण,नागरिक उड्डयन और एकल ब्रांड खुदरा व्यापार के लिए उदार नीतियां शामिल हैं।2025 में केंद्रीय बजट ने भारत के भीतर अपना पूरा प्रीमियम निवेश करने वाली कंपनियों के लिए एफडीआई सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% करने का प्रस्ताव रखा।