Indian Deportees from US: शनिवार देर रात अमेरिका के सैन्य विमान से 120 अवैध रूप से बसे भारतीयों को अमृतसर एयरपोर्ट पर उतारा गया। इन प्रवासियों में से 60 से अधिक लोग पंजाब से हैं, जबकि 30 से ज्यादा लोग हरियाणा के हैं। इसके अलावा, उत्तरप्रदेश, गोवा, राजस्थान, गुजरात, जम्मू और हिमाचल प्रदेश से भी प्रवासी शामिल हैं। इन भारतीयों को अवैध रूप से अमेरिका में बसने के कारण भारत डिपोर्ट कर दिया गया है।
पंजाब के वित्तमंत्री ने लैंडिंग पर उठाए सवाल

पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने अवैध प्रवासियों के अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंडिंग पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अगर इन प्रवासियों को वापस लाया जाना था तो विमान पंजाब के अलावा अन्य राज्यों में क्यों नहीं उतरा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह भाजपा की साजिश हो सकती है, जो पंजाब की छवि को खराब करने की कोशिश कर रही है। मंत्री ने यह भी सवाल किया कि अमेरिकी विमान क्यों सिर्फ अमृतसर में ही लैंड कर रहा है, जबकि अन्य राज्यों के लिए कोई विमान नहीं आया।
अमेरिका से भारतीयों का निर्वासन पुरानी प्रक्रिया

इस मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में बताया कि अमेरिका से भारतीयों का निर्वासन पिछले कई वर्षों से चल रहा है। उन्होंने बताया कि 2009 से अब तक 15,668 भारतीय प्रवासियों को अमेरिका ने निर्वासित किया है, जो एक नियमित प्रक्रिया है। विदेश मंत्री ने कहा कि निर्वासन के मामलों में अमेरिका के नियमों का पालन किया जाता है, लेकिन भारत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि नागरिकों के साथ उचित व्यवहार किया जाए।
487 अवैध भारतीय प्रवासी अमेरिका ने भारत को सौंपे

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पहले यह पुष्टि की थी कि अमेरिका ने भारत को 487 अवैध भारतीय प्रवासियों की जानकारी दी है। ये प्रवासी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर डिपोर्ट किए गए थे। हालांकि, डिपोर्ट किए गए प्रवासियों ने आरोप लगाया है कि उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया और उन्हें बिना किसी उचित प्रक्रिया के वापस भेजा गया।
अमेरिका से लौटे प्रवासियों की शिकायतें

डिपोर्ट किए गए प्रवासियों ने यह भी बताया कि उनके साथ कठिनाईपूर्ण और अपमानजनक व्यवहार किया गया। उनका कहना था कि अमेरिका में उन्हें अवैध रूप से हिरासत में लिया गया और उनके साथ बुरी तरह से पेश आया गया। यह मामला भारतीय नागरिकों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है, और अब यह सवाल उठता है कि ऐसे मामलों में भारत सरकार किस तरह से अपने नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान की गारंटी देती है।
दोनों देशों के बीच रिश्तों को लेकर कुछ सवाल खड़े किए
अमेरिका से डिपोर्ट किए गए प्रवासियों की वापसी ने दोनों देशों के बीच रिश्तों को लेकर कुछ सवाल खड़े किए हैं। वहीं, पंजाब के मंत्री की टिप्पणियां राजनीतिक विवाद का कारण बन सकती हैं। इस घटनाक्रम के बाद भारतीय नागरिकों के अधिकारों और उनके सुरक्षित निर्वासन की प्रक्रिया पर एक बार फिर से बहस शुरू हो सकती है।