Indian Air India Express: बेंगलुरु पुलिस ने एक 36 वर्षीय महिला डॉक्टर को हिरासत में लिया है, आरोप है कि उन्होंने एअर इंडिया एक्सप्रेस की एक फ्लाइट में केबिन क्रू के साथ अनुचित व्यवहार किया और विमान को क्रैश करने की धमकी दी। यह घटना मंगलवार को दोपहर लगभग 2:30 बजे तब हुई, जब केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, बेंगलुरु से सूरत अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के लिए उड़ान भरने वाली विमान टेक-ऑफ़ के कुछ ही मिनट पहले थी।
क्या है पूरा मामला?
असल में, महिला यात्री हीरल मोहनभाई की निर्धारित सीट 20F थी, लेकिन उन्होंने विमान की पहली पंक्ति में ही अपना बैग रख दिया था। जब केबिन क्रू ने उनसे अनुरोध किया कि वे अपना सामान अपनी सीट के पास बने ओवरहेड कम्पार्टमेंट में रखें, तो उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया।
इसके बाद महिला यात्री ने खुद बैग रखने की बजाय केबिन क्रू से यह मांग की कि उनका बैग उनकी सीट तक पहुंचाया जाए। जब क्रू ने कई बार समझाया और बाद में पायलट ने भी हस्तक्षेप किया, तब भी महिला ने बैग हटाने से साफ इनकार कर दिया। इसी दौरान उन्होंने कथित रूप से केबिन क्रू के साथ बदसलूकी शुरू कर दी।
महिला का रिएक्शन…
इस दौरान जब कई सहयात्रियों ने हीरल मोहनभाई को शांत करने और समझाने की कोशिश की, तो महिला ने उन पर भी चिल्लाना शुरू कर दिया। हालात तब और गंभीर हो गए जब महिला ने कथित रूप से विमान को क्रैश करने की धमकी दे दी, जिससे फ्लाइट में मौजूद अन्य यात्रियों और क्रू में हड़कंप मच गया।घटना के बढ़ने पर पायलट और क्रू मेंबर्स ने तुरंत CISF कर्मियों को सूचित किया। सूचना मिलते ही सुरक्षा बल मौके पर पहुंचा और महिला यात्री को विमान से नीचे उतार लिया गया। बताया जा रहा है कि यह महिला डॉक्टर हीरल मोहनभाई हैं, जो बेंगलुरु के येलहंका के पास शिवनहल्ली इलाके की निवासी हैं।
जानें क्या है पूरा मामला?
डॉ. हीरल मोहनभाई ने केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (KIA) थाने में पुलिस अधिकारियों के साथ भी कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया और हाथापाई की। रिपोर्ट की मानें तो, उनके पति ने पुलिस को जानकारी दी कि हीरल ने अब चिकित्सा पेशे से खुद को अलग कर लिया है और फिलहाल प्रैक्टिस नहीं कर रही हैं।
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पुलिस ने किया FIR दर्ज…
पुलिस ने महिला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 351(4) (आक्रामक आचरण) और 353(1)(बी) (लोक सेवक को उसके कर्तव्यों के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत मामला दर्ज किया है। इसके अलावा, उन पर नागरिक उड्डयन सुरक्षा अधिनियम की धारा 3(1)(ए) के तहत भी केस दर्ज किया गया है, जो विमान में गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने से संबंधित है।