India VP Election : 21 जुलाई की रात को भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। अगले ही दिन, यानी 22 जुलाई को गृह मंत्रालय ने उनके इस्तीफे की अधिसूचना जारी कर दी। इसके साथ ही अब देश को नया उपराष्ट्रपति चुनने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। चुनाव आयोग ने इस संबंध में एक प्रेस नोट जारी किया है और कहा है कि उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारियाँ पहले से ही शुरू कर दी गई थीं।
चुनाव आयोग ने कहा- “तैयारियां शुरू हो चुकी हैं”
चुनाव आयोग ने 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर प्रेस नोट में कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत आयोग को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष और समयबद्ध ढंग से कराए। आयोग ने पुष्टि की कि उसने इस चुनाव के लिए जरूरी सभी प्रक्रियात्मक कदमों की शुरुआत कर दी है। जल्द ही विस्तृत अधिसूचना जारी की जाएगी जिसमें नामांकन की तिथि, मतदान की तारीख और परिणामों की घोषणा की जानकारी होगी।
कौन करेगा मतदान, कैसी होगी प्रक्रिया?
भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव एक विशेष निर्वाचक मंडल (electoral college) के माध्यम से किया जाता है जिसमें केवल लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित और मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं। चुनाव आयोग ने सभी सांसदों की अद्यतन सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि मतदान में कोई तकनीकी अड़चन न आए। चुनाव आयोग ने बताया कि उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया में रिटर्निंग ऑफिसर और सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति का कार्य भी पूरा किया जा रहा है। ये अधिकारी चुनाव प्रक्रिया के संचालन और निगरानी में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। आयोग यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि सभी जिम्मेदार अधिकारी चुनाव की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए कार्य करें।
पिछले चुनावों का अध्ययन और व्यवस्थाओं की समीक्षा
चुनाव आयोग ने बताया कि वह अब तक हुए उपराष्ट्रपति चुनावों का गहन विश्लेषण और रिकॉर्ड समीक्षा कर चुका है। इससे उसे चुनाव प्रक्रिया को और पारदर्शी और व्यवस्थित रूप में संपन्न कराने में मदद मिलेगी। सभी पूर्व उपराष्ट्रपति चुनावों का डाटा एकत्र कर आधुनिक तकनीकी आधार पर समीक्षा की गई अब देश की निगाहें चुनाव आयोग द्वारा जारी किए जाने वाले अधिसुचना पर टिकी हैं। जिसमें उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीखों की घोषणा होगी। आयोग ने संकेत दिए हैं कि अधिसूचना जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी जिसके बाद नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी।
संविधान के अनुसार समय पर कराना अनिवार्य
संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव पद रिक्त होने के 6 महीने के भीतर कराना आवश्यक है। चूंकि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा 21 जुलाई को हुआ है, इसलिए आगामी महीनों में यह चुनाव जरूर कराया जाएगा। आयोग इस संवैधानिक जिम्मेदारी को समयबद्ध ढंग से पूरा करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। अब राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा शुरू हो चुकी है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए संभावित उम्मीदवार कौन हो सकते हैं। सत्तारूढ़ दल, विपक्ष और क्षेत्रीय पार्टियों के संभावित चेहरों पर अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि इस संबंध में अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने औपचारिक रूप से उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
देश को जल्द मिलेगा नया उपराष्ट्रपति
धनखड़ के इस्तीफे के बाद भारत को जल्द ही नया उपराष्ट्रपति मिलेगा। चुनाव आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, चुनावी प्रक्रिया की सभी तैयारियाँ लगभग पूरी हो चुकी हैं और जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी की जाएगी। यह चुनाव न केवल संवैधानिक दृष्टि से अहम है बल्कि आने वाले राजनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है।
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