India-Pakistan Tension: देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डिजिटल माध्यम से ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल की उत्पादन इकाई का उद्घाटन किया। इसके साथ ही लोगों में इस मिसाइल को लेकर जानने की उत्सुकता काफी बढ़ गई है। सोशल मीडिया और इंटरनेट पर ‘ब्रह्मोस’ की खूब चर्चा हो रही है।
क्या है ब्रह्मोस मिसाइल?
‘ब्रह्मोस’ एक लंबी दूरी तक मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली है, जिसे भारत के DRDO और रूस की संस्था NPOM ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे जमीन, हवा और समुद्र – तीनों माध्यमों से लॉन्च किया जा सकता है। इसके दो वैरिएंट हैं – एंटी-शिप और लैंड अटैक।

भारतीय सेना का सबसे भरोसेमंद हथियार
भारतीय नौसेना और थलसेना में शामिल ‘ब्रह्मोस’ को देश का सबसे भरोसेमंद हथियार माना जाता है। यह मिसाइल ‘सैल्वो मोड’ में 2 से 2.5 सेकंड के अंतराल पर अलग-अलग दिशाओं में छोड़ी जा सकती है। सेना के अनुसार, आठ ब्रह्मोस मिसाइलों का एक समूह दुश्मन की एडवांस्ड एंटी-मिसाइल सुरक्षा प्रणाली को भी भेद सकता है।
जवाबी हमले में हुआ ब्रह्मोस का इस्तेमाल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई एयरबेस पर सर्जिकल स्ट्राइक की। इस ऑपरेशन में पहली बार ब्रह्मोस मिसाइल का वास्तविक युद्ध में उपयोग किया गया। इस हमले में SCALP मिसाइल और अन्य आधुनिक एयर लॉन्च हथियारों का भी सहारा लिया गया।
पाकिस्तान के एयरबेस को हुआ भारी नुकसान
भारत की इस जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के स्कार्दू, मूरिद, नूर खान, रफीकी, चूनियां, सुक्कुर जैसे प्रमुख एयरबेस को नुकसान पहुंचा। साथ ही सियालकोट और पंसूर जैसे संवेदनशील इलाकों में भी तबाही हुई। यह भारत का अब तक का सबसे तीव्र और सटीक जवाब माना जा रहा है।
ब्रह्मोस की तकनीकी विशेषताएं
ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 290 से 400 किलोमीटर के बीच है। यह मैक 2.8 की गति से चलती है, जो ध्वनि की गति से करीब तीन गुना तेज है। यह ‘फायर एंड फॉरगेट’ सिद्धांत पर आधारित है, जिससे यह अपने लक्ष्य की ओर जाने के दौरान दुश्मन के रडार से बचकर सटीक हमला करती है।

पाकिस्तान की मिसाइलें पड़ गईं फीकी
पाकिस्तान के पास अब्दाली, फतह-1 और फतह-2 जैसी मिसाइलें हैं, जिनकी रेंज भी 250-400 किलोमीटर है। पाकिस्तान ने इन्हीं मिसाइलों से भारत पर हमले की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय सेना ने हर हमले को नाकाम कर दिया। ब्रह्मोस की तुलना में पाकिस्तानी मिसाइलें तकनीकी रूप से काफी कमजोर साबित हुईं।