India Pakistan News: भारत पाक के बीच 1960 में हुई सिंधु जल संधि अब एक बार फिर से विवाद का विषय बन गई है। भारत ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इस संधि को स्थगित कर दिया है।
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इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। जिसके बाद भारत ने कड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान के साथ जल संधि पर बातचीत को विराम लगा दिया है। भारत का कहना है कि जब तक आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान कोई ठोस कदम नहीं उठाता है तब तक सिंधु जल संधि पर कोई चर्चा नहीं होगी।
भारत का सख्त जवाब
भारत के इस सख्त कदम से पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है। वहां पानी की किल्लत महसूस की जा रही है। पाक ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी यह मुद्दा उठाया है और भारत से पानी देने की गुहार लगाई है, लेकिन भारत का रुख एकदम साफ और स्पष्ट है।
पाक के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा ने कई बार भारत से संपर्क कर सिंधु जल संधि को बहाल करने का आग्रह किया है। उन्होंने भारत की आपत्तियों पर चर्चा करने की इच्छा भी जाहिर की और भारत की जल संसाधन सचिव देबाश्री मुखर्जी को कई पत्र भी लिखे हैं। मगर भारत की तरह से अब तक किसी भी पत्र का जवाब नहीं दिया गया है।
भारत की दो टूक
भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की चिंताओं को दूर नहीं करता और संधि के ढांचे में सुधार नहीं किया जाता, तब तक इस विषय पर कोई चर्चा नहीं होगी। भारत चाहता है कि सिंधु जल संधि को वर्तमान हालात के मुताबिक फिर से संरचित किया जाए।
भारत की यह नीति संकेत प्रदान करती है कि अब वह सख्ती से आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है और केवल बातचीत से आगे बढ़ने के बजाय कार्रवाई आधारित नीति अपनाना चाहता है।
जानें क्या है सिंधु जल संधि
जानकारी के अनुसार 1960 में भारत पाक के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता से सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर हुए थे। इस समझौते के तहत सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों का पानी पाक को और सतलुज, ब्यास और रावी का पानी भारत को उपयोग के लिए आवंटित किया गया था। यह संधि दशकों से कायम रही, मगर पाकिस्तान के आतंकवाद के चलते भारत इसे फिर से विचार के घेरे में लाना चाहता है।
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