India-Pak War:पाकिस्तान द्वारा की जा रही संदिग्ध गतिविधियों और “ऑपरेशन सिंदूर” के चलते भारत ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत कर दिया है। जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। पंजाब, दिल्ली और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी हैं।पंजाब सरकार ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कोई भी अधिकारी बिना अनुमति के अपने तैनाती स्थल को नहीं छोड़ सकता। सीमावर्ती जिलों में स्थिति पर सीधा नियंत्रण बनाए रखने के लिए राज्य के दो-दो मंत्री वहाँ शिविर करेंगे। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई विशेष कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
ड्रोन गतिविधियों पर नज़र, एंटी-ड्रोन सिस्टम की खरीद को मंजूरी
सीमा पार से ड्रोन के ज़रिए की जा रही संदिग्ध गतिविधियों, खासकर तस्करी और जासूसी की घटनाओं को रोकने के लिए पंजाब सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाने की योजना को मंजूरी दे दी है। करीब 532 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नौ एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाए जाएंगे, जिससे किसी भी अवैध गतिविधि का समय रहते पता लगाया जा सके।इसके अलावा राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की है कि यदि किसी युद्ध या आतंकी हमले में नागरिक घायल होते हैं, तो उन्हें “फरिश्ते योजना” के तहत मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाएगी।
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बंगाल और दिल्ली सरकारें भी अलर्ट मोड में
सिर्फ पंजाब ही नहीं, बल्कि दिल्ली और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने भी स्थिति को गंभीरता से लिया है। दिल्ली सरकार ने पहले से ही अपने सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी थीं, लेकिन अब डॉक्टरों की छुट्टियां भी रोक दी गई हैं, जिससे आपातकालीन स्थिति में मेडिकल सहायता निर्बाध रूप से मिल सके। पश्चिम बंगाल सरकार ने भी अपने समस्त विभागीय कर्मचारियों को छुट्टी पर न जाने के निर्देश दिए हैं।
धार्मिक स्थल खुले, प्रशासनिक तैयारियाँ तेज
डेरा ब्यास जैसे प्रमुख धार्मिक संगठनों ने अपने सत्संग घरों को आम लोगों के लिए खोल दिया है, जिससे जरूरत पड़ने पर इन्हें राहत केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। इससे यह साफ हो जाता है कि प्रशासन हर स्तर पर तैयारियों को मजबूती दे रहा है।