India China Relations: चीन के साथ संबंधों में जमी बर्फ धीरे-धीरे पिघल रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर की यात्रा के बाद भारत ने चीनी नागरिकों को पर्यटक वीज़ा जारी करने का फैसला किया है। चीन स्थित भारतीय दूतावास ने बुधवार को यह जानकारी दी। भारत ने 2020 में गलवान झड़प के बाद से चीनी नागरिकों को वीज़ा जारी करना बंद कर दिया था। पाँच साल के लंबे अंतराल के बाद, मोदी सरकार ने अब इसे फिर से शुरू कर दिया है। चीन स्थित भारतीय दूतावास ने जानकारी दी है कि चीनी नागरिक 24 जुलाई से भारत आने के लिए पर्यटक वीजा के लिए आवेदन कर सकेंगे।
जयशंकर ने चीनी उपराष्ट्रपति से की थी मुलाकात
राजनाथ और जयशंकर हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भाग लेने के लिए चीन गए थे। वहां भारतीय रक्षा मंत्री ने चीनी रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून से मुलाकात की। दूसरी ओर, जयशंकर ने चीनी उपराष्ट्रपति हान झोंग और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। वहां उन्होंने संदेश दिया, “एक अशांत दुनिया में, भारत और चीन के लिए सहयोग करना और एक-दूसरे के साथ खुली चर्चा करना महत्वपूर्ण है।”
गलवान घाटी में हुई झड़प
2020 में कोविड महामारी और उसके बाद गलवान घाटी में हुई झड़प के कारण भारत-चीन के संबंध बिगड़ गए थे। इसका असर कैलाश-मानसरोवर यात्रा, दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों और वीजा पर पड़ा। इसके बाद, दोनों देशों के बीच कई सैन्य-स्तरीय बैठकें हुईं। आखिरकार, इस साल बीजिंग की हरी झंडी के बाद कैलाश-मानसरोवर यात्रा शुरू हुई। इतना ही नहीं, हाल ही में दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने की भी बात हुई है।
मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने की कोशिश
दूसरी ओर, रूस-यूक्रेन युद्ध और ईरान-इजराइल संघर्ष के कारण दुनिया पहले से ही बेचैन है। चीन दोनों देशों के लाभ के लिए भारत के साथ नए मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने की भी कोशिश कर रहा है। इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया टैरिफ नीति के बाद शी जिनपिंग का देश भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में अधिक रुचि रखता है। ऐसे में, भारत ने चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।