India-Canada Conflict: हाल ही में कनाडा ने खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई कर भारत के साथ अपने संबंधों में नया संकेत दिया है। कनाडा सरकार ने खालिस्तानी आतंकी इंद्रजीत गोसल और अर्श डल्ला (Arsh Dala) पर कार्रवाई की है। पहले गोसल को गिरफ्तार किया गया था, हालांकि बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। इसके बाद कनाडा में अर्श डल्ला की गिरफ्तारी हुई, जिसे खालिस्तानी आतंकी संगठन का सक्रिय सदस्य और मारे गए खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर का उत्तराधिकारी माना जा रहा था। अर्श डल्ला को कनाडा पुलिस ने 27-28 नवंबर को हुए शूटआउट मामले में हिरासत में लिया है।
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अर्श डल्ला: निज्जर के बाद खालिस्तान का अगुवा

अर्श डल्ला की गिरफ्तारी को खालिस्तान नेटवर्क के लिए करारा झटका माना जा रहा है। भारत सरकार लंबे समय से उसकी गिरफ्तारी की मांग कर रही थी। डल्ला, खालिस्तानी टाइगर फोर्स का कार्यवाहक प्रमुख है और निज्जर का करीबी सहयोगी भी बताया जा रहा है। पंजाब पुलिस के मुताबिक, डल्ला के गुर्गों ने हाल ही में फरीदकोट में एक सिख कार्यकर्ता की हत्या की थी। इसके अलावा, ग्वालियर में जसवंत सिंह गिल की हत्या में भी डल्ला के निर्देश पर शूटरों ने कार्रवाई की थी।
खालिस्तानी गतिविधियां बनी कनाडा के लिए बड़ी समस्या
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पहले ही माना था कि उनके देश में खालिस्तानी गतिविधियां एक गंभीर समस्या बन चुकी हैं। यह स्वीकारोक्ति भारत के लिए एक संकेत है कि कनाडा खालिस्तान समर्थक तत्वों पर नियंत्रण की आवश्यकता को समझने लगा है। हाल के घटनाक्रम में यह भी देखने को मिला कि भारत और कनाडा के बीच खालिस्तान समर्थक गतिविधियों को लेकर गंभीर तनाव बना हुआ है।
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दिल्ली में कनाडाई उच्चायोग के सामने किया लोगों ने प्रदर्शन

हाल ही में कनाडा के ब्रैंपटन में एक हिंदू मंदिर पर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हमले के बाद भारत में आक्रोश फैल गया है। इसके विरोध में नई दिल्ली में कनाडाई उच्चायोग के सामने हिंदू और सिख संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया। कनाडाई मिशन के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया और कई स्तरों पर बैरिकेडिंग की गई। प्रदर्शनकारियों ने कनाडाई उच्चायोग की ओर बढ़ने का प्रयास किया और बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की।
“भारत अपने मंदिरों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा”
प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए कि “हिंदू और सिख एक हैं” और “भारत अपने मंदिरों का अपमान सहन नहीं करेगा”। इस दौरान हिंदू-सिख एकता को बढ़ावा देने वाले नारों के साथ यह भी साफ संदेश दिया गया कि भारत खालिस्तान समर्थक गतिविधियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाएगा। भारत ने लंबे समय से कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों पर चिंता जताई है और अब कनाडा का यह कदम शायद दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की ओर एक संकेत हो सकता है।
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