Incident Update: बागमती एक्सप्रेस हादसे में चौंकाने वाला सच आया सामने, खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई ट्रेन हुआ हादसा!

Shilpi Jaiswal
By Shilpi Jaiswal

Bagmati Express: मैसूर से बिहार के दरभंगा जा रही बागमती एक्सप्रेस (Mysore-Darbhanga Bagmati Express) चेन्नई के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिसके बाद ट्रेन में आग लग गई जिसके बाद ट्रेन में आग लग गई यह घटना शुक्रवार की शाम, कावराईपेट्टई रेलवे स्टेशन के पास हुई है इस हादसे में 19 लोग घायल हुए, जिनको हॉस्पिटल पहुंचाया हादसे के बाद फंसे हुए यात्रियों को बसों से पोन्नेरी ले जाने के बाद दो ईएमयू स्पेशल ट्रेनों से चेन्नई सेंट्रल पहुंचाया गया सभी यात्रियों के पहुंचने के बाद उन्हें भोजन के पैकेट और पानी दिया गया और अरक्कोणम, रेनिगुंटा और गुडूर होते हुए दरभंगा जाने वाली पैसेंजर स्पेशल ट्रेन में बैठाया गया स्पेशल ट्रेन 04.45 बजे रवाना हुईl

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हादसे में चौंकाने वाला सच आया सामने

वीडियो के मुताबिक मैसूर-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस (Mysore-Darbhanga Bagmati Express)को कावरापेट्टई स्टेशन से मेन लाइन से गुजरने के लिए हरा सिग्नल दिया गया था, मगर ट्रेन लूप लाइन में चली गई और वहां पहले से खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। हादसे के बाद रेलवे ने जांच शुरू कर दी है। वहीं रेलवे के यूनियन नेताओं और विशेषज्ञों ने इसे बालासोर हादसे की पुनरावृत्ति माना है। स्टेशन के आसपास ट्रेनों की गतिविधि और सिग्नल संबंधी जानकारी को रिकॉर्ड करने के लिए डाटा लॉगर उपकरण लगाया जाता है। इसमें ट्रेन के सभी लाइनों, सिग्नलों और प्वाइंट की स्थिति संरक्षित होती है। डाटा लॉगर के वीडियो को शनिवार सुबह से रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के व्हाट्सएप समूहों में जारी किया गया। इसमें सामने आया कि चेन्नई में हुआ हादसा कुछ-कुछ बालासोर जैसा था। बालासोर में हावड़ा जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस को मुख्य लाइन के लिए हरी झंडी दे दी गई थी। लेकिन पटरियों के गलत तरीके से जुड़े होने के कारण वह लूप लाइन पर चली गई और खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई।

प्राथमिक तौर पर यह तकनीकी गड़बड़ी लगती है

दक्षिण रेलवे के ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन एआईएलआरएसए (AILRSA)के अध्यक्ष आर कुमारेसन ने कहा कि सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध जानकारी से लगता है कि बागमती एक्सप्रेस की टक्कर दो जून 2023 को बालासोर ट्रेन दुर्घटना की लगभग पुनरावृत्ति है। रेलवे को सिग्नलिंग प्रणाली में विसंगतियों को दूर करने के लिए गंभीर रुख अपनाना चाहिए।वहीं सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार ऑटोमेटिक सिग्नलिंग प्रणाली में सिग्नल पटरियों के इंटरलॉकिंग का अनुसरण करता है। इसका मतलब है कि अगर मुख्य लाइन के लिए सिग्नल हरा है, तो इंटरलॉकिंग अपने आप इस तरह से सेट हो जाएगी कि ट्रेन मुख्य लाइन पर आ जाएगी। एक सुरक्षा विशेषज्ञ ने बताया कि सिग्नलिंग प्रणाली में खराबी होने के चलते सिग्नल और इंटरलॉकिंग के बीच समन्वय न बनने भी हादसा हो सकता है। प्राथमिक तौर पर यह तकनीकी गड़बड़ी लगती है।

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आईआरएलआरओ के कार्यकारी अध्यक्ष ने जताई हैरानी

इंडियन रेलवे लोको रनिंगमैन ऑर्गनाइजेशन (आईआरएलआरओ) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय पांधी ने हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि सभी पिछली ट्रेनें स्टेशन से सिग्नलिंग और इंटरलॉकिंग प्रणाली में किसी भी असामान्यता के बिना गुजरीं। बालासोर में सिग्नल मरम्मत का काम खत्म होने के तुरंत बाद टक्कर हुई। जबकि कावरापेट्टई रेलवे स्टेशन पर ऐसी कोई घटना नहीं हुई और ट्रेन परिचालन सामान्य रहा। उन्होंने कहा कि लगता है कि किसी उपकरण में जंग वगैरह लगने के कारण कुछ खराबी हुई होगी। इसके चलते सिग्नल और इंटरलॉकिंग का समन्वय टूट गया।

ट्रेन इंटरलॉकिंग पर पटरी से उतर गई होगी

वहीं उत्तर रेलवे में मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर/सूचना प्रौद्योगिकी के पद से सेवानिवृत्त हुए केपी आर्य ने कहा कि डाटा लॉगर के वीडियो से पता चलता है कि संबंधित ट्रेन मुख्य लाइन के साथ-साथ लूप लाइन दोनों पर जा रही है, जो संभव नहीं है। ऐसी संभावना है कि ट्रेन इंटरलॉकिंग पर पटरी से उतर गई होगी। इसके बाद इंजन और कुछ डिब्बे लूप लाइन की ओर बढ़े और मालगाड़ी से टकरा गए। जबकि शेष डिब्बे इधर-उधर बिखर गए और मुख्य लाइन पर भी आ गये थे।उन्होंने कहा कि यह पटरियों और इंटरलॉकिंग-प्वाइंट तंत्र में इंजीनियरिंग दोष है, जो इस तरह से ट्रेन के पटरी से उतरने का कारण बन सकता है। मैं रेलवे बोर्ड और रेलवे सुरक्षा आयुक्त के समक्ष भी इस पहलू को उजागर करता रहा हूं। मैसूर से दरभंगा जा रही बागमती एक्सप्रेस (12578) तमिलनाडु के कावरापेट्टई स्टेशन के पास मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे में 19 लोग घायल हुए।

रेलवे अधिकारियों ने क्या बताया

तमिलनाडु में शुक्रवार को 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही एक एक्सप्रेस ट्रेन मुख्य लाइन में जाने के बजाय लूपलाइ में घुस गई और एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गईl इस दुर्घटना में कई यात्री घायल हो गए और एक कोच में आग लग गई. मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने इस घटना पर दुखव्यक्त करते हुए कहा कि वह बचाव और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं उन्होंने कहा, “सरकार तेजी से राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है,”  हादसे की खबर मिलने के बाद शुरू हुआl

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जिले में पोन्नेरी स्टेशन को पार करने के बाद दी गयी हरी झंडी

रेस्क्यू ऑपरेशन रेलवे बोर्ड ने कहा है कि चेन्नई रेल डिवीजन के पोन्नेरी-कवरपेट्टई सेक्शन में यात्री-मालगाड़ी की टक्कर में अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं हैl रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने यात्री ट्रेन के खड़ी मालगाड़ी के बीच टक्कर की जानकारी मिली. बचाव एवं राहत दल तुरंत दुर्घटनास्थल पर पहुंच गयाl LHB कोच वाली ट्रेन नंबर 12578 मैसूर डिब्रूगढ़ दरबाबगाह एक्सप्रेस 11 अक्टूबर को 20.27 बजे तिरुवल्लूर जिले में पोन्नेरी स्टेशन को पार करने के बाद आगे बढ़ने के लिए हरी झंडी दे दी गई. हालांकि, दक्षिण रेलवे की एक प्रेस रिलीज में कहा गया, “कवराईपेट्टई स्टेशन में प्रवेश करते समय, ट्रेन चालक दल को भारी झटका लगा और दिए गए सिग्नल के मुताबिक मुख्य लाइन में जाने के बजाय, ट्रेन 75 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से लूप/लाइन में घुस गई और लूप लाइन में खड़ी झटका लगा और दिए गए सिग्नल के मुताबिक मुख्य लाइन में जाने के बजाय, ट्रेन 75 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से लूप/लाइन में घुस गई और लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी से टकरा गईl

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