Loksabha में पेश श्वेत पत्र में वित्त मंत्री ने गिनाए UPA सरकार के बड़े घोटाले

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

White Paper Presented: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में आज 2014 से पहले यूपीए सरकार और उसके बाद एनडीए सरकार के दौरान अर्थव्यवस्था की तुलना करते हुए मोदी सरकार की ओर से पेश किए गए श्वेत पत्र पर चर्चा की.इस दौरान सदन में जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोल रही थी तो विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा हालांकि उन्होंने 2014 से पहले यूपीए सरकार पर देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने का आरोप लगाया और कहा कि,भारतीय अर्थव्यवस्था को 10 साल की नाजुक स्थिति से बाहर निकालकर शीर्ष के पांच स्थानों में पहुंचाया गया इसलिए सरकार की ओर से सदन के पटल पर श्वेत पत्र रखा गया है।

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यूपीए सरकार में कोयला घोटाले से देश को भारी नुकसान हुआ-वित्त मंत्री

निर्मला सीतारमण ने सदन में बताया कि,यूपीए सरकार के हाथों कोयला घोटाले के कारण देश को भारी नुकसान हुआ है.इसके साथ ही यूपीए सरकार ने कोयले को राख में बदल दिया लेकिन हमने अपनी नीतियों के माध्यम से कोयले को हीरे में बदल दिया।निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा,मोदी सरकार ने राष्ट्र प्रथम रखकर संकट की स्थिति से देश को निकाला.इससे पहले यूपीए सरकार के दौरान देश को प्रथम नहीं रखा गया बल्कि उनके प्रथम परिवार को आगे रखा गया है।वित्त मंत्री ने बताया कि,श्वेत पत्र में 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट से निपटने के यूपीए सरकार के तरीके और कोविड19 के दौरान मोदी सरकार के निपटने के तरीकों की तुलना की गई है।

राष्ट्रमंडल खेल घोटाले में पूरी दुनिया में भारत की बदनामी हुई-वित्त मंत्री

निर्मला सीतारमण ने आगे बताया कि,2014 में जब एनडीए सरकार ने सत्ता संभाली थी,अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में ही नहीं थी बल्कि संकटग्रस्त थी.हमने एक दशक के लिए कुप्रबंधित अर्थव्यवस्था को ठीक करने और इसके मूल ढांचों को मजबूत स्थिति में बहाल करने की बहुत सी चुनौतियों का सामना किया।निर्मला सीतारमण ने यूपीए सरकार के दौरान हुए घोटालों को लेकर सदन को बताया है,राष्ट्रमंडल खेल घोटाले में जहां पूरी दुनिया में भारत की बदनामी हुई,वहीं जी-20 में समस्त राज्यों में आयोजनों के साथ विदेश में देश का सम्मान बढाने का काम किया है।वित्त मंत्री ने कहा कि,यूपीए सरकार के दौरान कोयला खनन घोटाले से देश का बहुत नुकसान हुआ, जिसके कारण नौकरियों में नुकसान हुआ,निवेश नहीं आया और सहायक लघु उद्योग पूरी तरह ठप पड़े और बिजली उत्पादन के लिए कोयला आयात करना पड़ा.ये तो सत्यानाश करके चले गए,हमने सुधारात्मक उपाय किए हैं।

श्वेत पत्र में नोटबंदी,बेरोजगारी,महंगाई का जिक्र नहीं-जयराम रमेश

वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से सदन में श्वेत पत्र पेश करने पर मोदी सरकार पर पलटवार करते हुए कहा है कि,श्वेत पत्र में नोटबंदी, बेरोजगारी, महंगाई का जिक्र नहीं है,बढ़ती आर्थिक विषमताओं पर उन्होंने कुछ नहीं कहा।ये किस लिए निकाला गया? जिन मुद्दों पर श्वेत पत्र निकालना चाहिए,चीन सीमा के हालातों और तनाव पर हम श्वेत पत्र मांग रहे हैं उस पर चुप्पी है।मणिपुर के हालात पर चुप्पी है,हमने नोटबंदी पर श्वेत पत्र मांगा था उस पर भी चुप्पी थी।45 साल सबसे अधिक बेरोजगारी दर पर श्वेत पत्र नहीं है।

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