HIV Positive Prisoners in Tihar: जिस जेल में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत अन्य लोग बंद हैं, दिल्ली के उसी तिहाड़ जेल में कैदियों के स्वास्थ्य को लेकर एक गंभीर समस्या सामने आई है। हाल ही में की गई मेडिकल जांच के मुताबिक, तिहाड़ जेल की विभिन्न जेलों में लगभग 700 कैदियों में से 125 एचआईवी (HIV) तथा अन्य सिफलिस (Syphilis) और टीबी (TB) जैसी गंभीर बीमारियों से संक्रमित पाए गए हैं। इनमें महिला कैदी भी शामिल हैं।
Read more: Lucknow: गोमती नदी में मिला युवक का शव, नहीं हो पायी शिनाख्त, तीन दिन में दूसरी घटना
नए डीजी के तहत हुई मेडिकल स्क्रीनिंग
जेल प्रशासन के अनुसार, यह जांच मई और जून 2024 के बीच की गई थी, जब सतीश गोलचा ने तिहाड़ जेल का डीजी का पद संभाला था। इस स्क्रीनिंग के दौरान, तिहाड़ जेल की सभी नौ जेलों, रोहिणी और मंडोली की छह जेलों में बंद कैदियों का मेडिकल चेकअप किया गया। हालांकि, करीब तीन हजार कैदियों ने जांच कराने से इनकार कर दिया था, लेकिन अधिकांश ने इसमें भाग लिया।
Read more: Ballia News: स्कूली बच्चों से भरी पिकअप खड़े ट्रक से टकराई, दो छात्रों की मौत, 10 घायल
बीमारियों का विवरण और स्थिति
जांच में सामने आया कि 10,573 कैदियों में से 125 एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि 200 कैदियों में सिफलिस की पुष्टि हुई है। दिलचस्प बात यह है कि टीबी के कोई केस सामने नहीं आए हैं। यह रिपोर्ट एक सरकारी संस्था की मदद से तैयार की गई थी, और इसमें तिहाड़ जेल की वर्तमान स्थिति को दर्शाया गया है। तिहाड़ जेल की मौजूदा स्थिति एक गंभीर चिंता का विषय है। जेल में कैदियों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है, साथ ही उचित स्वास्थ्य प्रबंधन और निगरानी की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
Read more: जनरल Asim Munir की खुली पोल; बन्नू में निर्दोषों पर गोलीबारी का ऑडियो लीक, कहा-“खत्म कर दो, सीधे…”
महिलाओं की विशेष जांच
महिला कैदियों की विशेष जांच के तहत, तिहाड़ जेल के प्रोटेक्टिव सर्वे विभाग ने एम्स और सफदरजंग अस्पताल के सहयोग से सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) की जांच भी करवाई। यह पहल डीजी सतीश गोलचा के दिशा-निर्देश पर की गई थी, जिसमें महिलाओं के स्वास्थ्य से संबंधित विशेष टेस्ट शामिल थे।
स्वास्थ्य संकट पर जेल प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस स्वास्थ्य संकट को देखते हुए, जेल प्रशासन ने कैदियों के इलाज और स्वास्थ्य प्रबंधन में सुधार की दिशा में कदम उठाए हैं। हालांकि, तिहाड़ जेल प्रशासन से इस मुद्दे पर विस्तृत जानकारी प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा है। मिली जानकारी के मुताबिक, अधिकांश कैदी ये बीमारियाँ बाहर से लेकर आए थे। हालांकि, तिहाड़ जेल के भीतर भी संक्रमित होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
खासकर सिफलिस जैसी बीमारियाँ आमतौर पर असुरक्षित यौन संबंधों के माध्यम से फैलती हैं, और इसका बढ़ना जेल के भीतर स्वास्थ्य प्रबंधन की खामियों को उजागर करता है। यह स्थिति न केवल कैदियों की व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली और सुधार के प्रयासों की समीक्षा की भी आवश्यकता है। ऐसी बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य देखभाल में सुधार और शिक्षा पर ध्यान देना अनिवार्य है।
Read more: Kupwara में सेना की बड़ी कार्रवाई; घुसपैठ की कोशिश नाकाम, पाकिस्तानी सेना कर रही आतंकियों की मदद