शिकारपुर में कच्चे आढ़तियों को खून के आंसू रुला रहे हैं थोक धान व्यापारी…

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

बुलंदशहर संवाददाता : इकरम खान

शिकारपुर / बुलंदशहर। शिकारपुर की नवीन अनाज मंडी में धान के थोक व्यापारियों द्वारा भुगतान की किल्लत बताकर पिछले लंबे अरसे से कच्चे आढ़तियों को धान का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिससे कच्चे आढ़तियों में रोष है। अनाज मंडी में पेमेंट की किल्लत के कारण शिकारपुर अनाज मंडी से किसानों का मोहभंग हो रहा है। जिस कारण उन्होंने अन्य मंडियों की राह पकड़ ली है। शिकारपुर अनाज मंडी के अस्तित्व को बचाने के लिए मंडी समिति और प्रशासनिक अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना होगा। अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब शिकारपुर की अनाज मंडी ठप हो जाएगी।

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क्षेत्र में किसानों द्वारा गर्मी के मौसम में धान की पैदावार की गई है। इस समय अनाज मंडी में धान, मक्का, गेहूं और सरसों आ रही है। इनमें धान और मक्का की मात्रा अधिक है। अनाज मंडी के प्रमुख धान कारोबारियों ने कच्चे आढ़तियों को 26 जून तक बेचे गए धान का भुगतान किया है। इसका मतलब है कि थोक व्यापारी कच्चे आढ़तियों का 21 दिन का पेमेंट बकाया लेकर चल रहे हैं। कच्चे आढ़तियों को भुगतान न मिलने से उनके समक्ष पेमेंट की दिक्कत पैदा हो गई है। जिस कारण किसानों को पेमेंट नहीं हो पा रहा है।

किसानों को भुगतान की हो रही दिक्कत

उल्लेखनीय है कि थोक धान कारोबारी अपने किसानों को धान का नगद भुगतान कर रहे हैं और कच्चे आढ़तियों को ऊपर (धान खरीद मिलों) से पेमेंट ना आने की बात कहकर उन्हें पेमेंट नहीं दे रहे हैं। थोक व्यापारियों द्वारा कच्चे आढ़तियों को धान का भुगतान नहीं किए जाने के कारण किसानों को पेमेंट नहीं हो पा रहा है।

जिस कारण उनका शिकारपुर की अनाज मंडी से मोहभंग हो रहा है। जिले की अन्य अनाज मंडी जहांगीराबाद, बुलंदशहर, डिबाई, खुर्जा और शिकारपुर अनाज मंडी की उप मंडी पहासू में धान के भुगतान की सही स्थिति होने के कारण किसानों का मंडियों की ओर रुझान बढ़ा है।

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अधिकारियों की सामने आयी लापरवाही

मजेदार बात तो यह है कि शिकारपुर के थोक धान कारोबारी जिन धान मिलों को धान बेच रहे हैं, उन्हीं धान मिलों को जनपद की अन्य अनाज मंडियों के थोक धान कारोबारी धान बेच रहे हैं। वहां मंडियों में पेमेंट की सही स्थिति है जबकि शिकारपुर में धान मिलों द्वारा पेमेंट न देने की बात कही जा रही है। अगर यही स्थिति रही तो शिकारपुर की अनाज मंडी बर्बाद हो जाएगी। कच्चे आढ़ती सड़क पर आ जाएंगे। अनाज मंडी के अस्तित्व को बचाने के लिए मंडी समिति के अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।

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