Madhya Pradesh: विश्व पर्यावरण दिवस के दिन बंडा क्षेत्र के लोगों ने मध्य भारत एग्रो फैक्ट्री के विरोध में नगर भ्रमण कर मौन जुलूस निकाला एवं विरोध प्रदर्शन किया। मध्य भारत एग्रो प्रोडक्ट लिमिटेड सौरई फेक्ट्री द्वारा किए जा रहे जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण एवं वायु प्रदूषण के विरुद्ध लोगों में आक्रोश पनपने लगा है। इसी को लेकर बंडा एवं आस पास के क्षेत्र के रहवासियों ने मुख्य मंत्री एवं सागर कलेक्टर के सात सूत्रीय मांगो का ज्ञापन पहुंचा।
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बड़ी संख्या में लोग मंडी परिसर में एकत्र हुए
ज्ञापन के पूर्व बड़ी संख्या में लोग मंडी परिसर में एकत्र हुए इसके पश्चात नगर के मुख्य मार्ग पर पैदल चलते हुए एस डी एम कार्यालय पहुंचे और एस डी एम को ज्ञापन सौंपा और मांग रखी कि सौरई में संचालित औद्योगिक इकाई सल्फुरिक एसिड प्लांट से क्षेत्र के बंडा, सौरइ, डिलाखेड़ी, फतेहपुर, मौनपुर, कंदारी,पनारी सहित बीस से अधिक गांव प्रभावित हो रहे हैं। जो गैस वायु में छोड़ी जा रही है उससे तीक्ष्ण बदबू आ रही है और आंखों में जलन शुरू हो जाती है। औद्योगिक इकाई से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ सालो से पास में बहने वाले नालों में छोड़े जा रहे है जिससे ग्राम डिलाखेड़ी, सौरई के जल स्त्रोत कुआ, पानी के बोर का जल प्रदूषित हो गया है।
‘मध्य प्रदेश जल निगम द्वारा जल प्रदान किया जा रहा’
उक्त अपशिष्ट नाले के माध्यम से बेबस नदी में पहुंच रहा है। बेबस नदी का पानी बंडा नगर एवं जल निगम द्वारा संचालित जल जीवन मिशन के तहत तीन सौ गांव तक पहुंच रहा है। जिसका बुरा प्रभाव मानव जीवन पर पड़ेगा। उद्योगिक इकाई में सल्फर, अमोनिया का संग्रह किया गया है। उक्त फैक्ट्री को उक्त फैक्ट्री को मध्य प्रदेश जल निगम द्वारा जल प्रदान किया जा रहा है.
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‘रासायनिक अवशिष्टों से कृषि भूमि बंजर होती जा रही’
शुद्ध पेयजल से कनेक्शन रसायन बनाने का अवैध कार्य किया जा रहा है. रासायनिक अवशिष्टों से कृषि भूमि बंजर होती जा रही है. फलदार पेड़ पौधे लगातार नष्ट होते जा रहे हैं. रासायनिक अपशिष्ट के निर्माण से आसपास के ग्रामीण लोग कई बीमारियों से ग्रसित हो चुके हैं. फैक्ट्री द्वारा आज दिनांक तक कोई भी स्वास्थ्य परीक्षण शिवर नही लगाया गया है ना ही उनकी ओर से चिकित्सा का कोई प्रबंध किया गया है. साथ ही साथ लोगों ने फैक्ट्री के विरुद्ध चेतावनी पीते हुए कहा है कि यदि व्यक्ति को जल्द से जल्द बंद नहीं कराया गया तो बांदा क्षेत्र की समस्त जनता उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य रहेगी जिसकी जवाबदारी शासन प्रशासन की रहेगी।
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