Student Suicide In Kota: कोटा, जो देश भर में कोचिंग के लिए प्रसिद्ध है, में एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जवाहर नगर थाना क्षेत्र में शनिवार को एक और छात्र ने आत्महत्या कर ली। यह छात्र 12वीं कक्षा के साथ JEE (जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम) की तैयारी कर रहा था। इस साल कोटा में आत्महत्या का यह चौथा मामला है, जो छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल उठाता है। मृतक छात्र का नाम बूंदी जिले के इंद्रगढ़ का रहने वाला था, जो कोटा में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहा था।
छात्र ने किस तरह की आत्महत्या की
शनिवार सुबह जब छात्र ने अपने कमरे का दरवाजा नहीं खोला, तो उसके मौसेरे भाई ने इसकी सूचना परिवार को दी। परिवार के सदस्य और पुलिस मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और छात्र के शव को मोर्चरी में भेज दिया। छात्र अपने मौसेरे भाई के साथ एक किराए के घर में रह रहा था। दोनों ने शुक्रवार रात साथ में खाना खाया था और फिर सो गए। अगले दिन जब मृतक ने कमरे का दरवाजा नहीं खोला, तब इस घटना का खुलासा हुआ।
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परिजनों ने लिया नेत्रदान का फैसला
मृतक के परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया, और इसके बजाय उन्होंने एक मानवीय कदम उठाते हुए मृतक के नेत्रदान का फैसला लिया। मोर्चरी में ही मृतक के नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की गई। यह कदम मृतक के परिवार की मानवता और संवेदनशीलता को दर्शाता है। इसके जरिए उन्होंने किसी और के जीवन में रोशनी लाने का अवसर प्रदान किया।
मृतक का सपना और परिवार का दुःख
मृतक का परिवार अब एक बड़े दुःख से गुजर रहा है। छात्र का सपना था कि वह आईआईटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक कर शिक्षा के क्षेत्र में कुछ बड़ा करे, लेकिन अब यह सपना अधूरा रह गया। वह एक धार्मिक प्रवृत्ति का लड़का था और परिवार में इकलौता बेटा था। उसके माता-पिता और परिवार वाले इस कठिन समय में गहरे शोक में डूबे हुए हैं।