बिहार (सहरसा): संवाददाता- शिवकुमार
सहरसा। हम आज आपको एक ऐसे विषय से केवल रूबरू ही नहीं कराएंगे बल्कि उस विषय पर तटस्थ पड़ताल भी करेंगे। पुलिस का नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में नकारात्मक विचार आने लगते है। लोगों का माने तो पुलिस का व्यवहार गलत होता है। पुलिस पब्लिक का रिलेशन अच्छा नहीं होता। पुलिस कभी भी किसी को पकड़ लेती है, और इसके अलावा भी कई बातें खाकी के बारे में लोगों की दिमाग में दौड़ने लगती है।
भारत में कानून और पुलिस की बातें करें तो यहाँ के लोग पुलिस से डरते है बल्कि कानून से नहीं । वहीं इसके उल्टे विदेश में लोग पुलिस से नहीं डरते बल्कि वहाँ के कानून का से डरते है। भारत में अगर कोई गलत काम कर रहा होता है और इसी बीच पुलिस आ जाती है तो वो पुलिस को देखते ही भाग जाता है। लेकिन विदेश में ऐसा नहीं है, वहाँ कानून से डरते है और उसका सम्मान करते है।
भारत में बाईक सवार हेलमेट पुलिस के डर से पहनते है लेकिन विदेश में लोग सुरक्षा के द्रष्टिकोण से हेलमेट पहनते है। पुलिस हमारे और आपके सुरक्षा के लिए होती है तब भी हम उन्हें गलत निगाह से देखते है। अगर पिछलें गुजरे हुए कुछ सालों की बात की जाये तो याद कीजिए वो वैश्विक महामारी कोरोना काल में जब सड़क सुनसान रहता था और हमारे – आपके सुरक्षा के लिए पुलिस हर चौक चौराहे पर खड़ी रहती थी। ताकि आप आपदा में सुरक्षित अपने घर में अपने परिवार के साथ रह सकें।
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हर मौसम में पुलिस निष्ठा के साथ करती है डियूटीः

पुलिस अपने घर-परिवार से दूर रहते हुए भी अपने ड्यूटी को पूरी ईमानदारी से निभाते है। ठंडी, गर्मी-धूप हो या फिर बरसात पुलिस वाले आपको सड़क पर अपनी ड्यूटी करते नजर आ जायेंगे। एक बार दिल पर हाथ रखकर जरूर सोचिएगा कि कभी आपने पुलिस के बारे में कुछ अच्छा सोचा है। पुलिस भी एक इंसान ही है, उसके सीने में भी दिल होता है जो धड़कता है वो समाज,राज्य और देश के एक कड़ी है। जरा सोचिए समाज में किसी भी तरह की घटनाएं होती है उसका जिम्मेदार पुलिस प्रशासन को ठहराया जाता है।
किसी के घर या दुकान में चोरी हो गई पुलिस जिम्मेदार, एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से लड़ाई कर लिया तो पुलिस जिम्मेदार, किसी का अपहरण हो गया उसके लिए पुलिस जिम्मेदार, आपकी गाड़ी चोरी हो गई उसके लिए भी पुलिस जिम्मेदार ऐसे समाज में अनगिनत मामले है जिससे पुलिस को हर दिन दो चार होना पड़ता है। अब आप ही बताएगा अगर आपके सिर एक जिम्मेदारी आ जाती है तो आप कैसा महसूस करते हो। जरा सोचिए पुलिस प्रशासन कितने जिम्मेदारी को अपने सर पर उठाये हुए।
समाज की सेवा में सदैव तत्पर रहती है पुलिसः
पुलिस आपकी सेवा में हमेशा तत्पर रहती है। लेकिन समाज के लोग रियल पुलिस को हमेशा गलत नजर से देखने के साथ-साथ पीठ पीछे कई तरह के बातें कह डालते है। वहीं रील पुलिस जो हम पर्दे के पीछे एसी चेम्बर में बैठ सिनेमा हॉल में देखते है वहाँ अमिताभ बच्चन, सलमान खान, अक्षय कुमार, गोविंदा सहित कई रील हीरो पुलिस बनकर अपने किरदार को निभाते है, और मारधाड़, विलन को पकड़ना सहित कई तरह के फिल्मी सिन दिखाते है। जिसके बीच लोगों के द्वारा तालियों खूब बजाई जाती है। वहीं हमारे समाज के रियल पुलिस लाख बेहतर काम करले लेकिन उन्हें लोगों की गालियां ही सुननी पड़ती है। आखिर ऐसा क्यों रील पुलिस को तालियां और रियल पुलिस को गालियाँ मिलती है।
एक बात दिल पर हांथ रखकर जरूर बताएगा कि आपने कभी किसी पुलिस वाले को थैंक्यू बोला है। अगर नहीं बोले है तो जरूर इस चीज को अपने जेहन में रखिये और जो पुलिस वाला बेहतर कार्य करें उसे थैंक्यू भी बोलिएगा। उनका हौसला अफजाई भी कीजिये , जिससे वो आप और आपके समाज के लिए और बेहतर करने की कोशिश करेंगे। समाज के लोगों को भी चाहिए की पुलिस और समाज के बुद्धिजीवी वर्ग के संयुक्त प्रयास से एक बेहतर समाज का निर्माण कराने के ओर एक मजबूत प्रयास किया जाएं।