बलरामपुर अस्पताल में मरीजों को समय से नहीं मिला भोजन, परिजनों का हंगामा…

Shankhdhar Shivi
By Shankhdhar Shivi

लखनऊ संवाददाता- Mohd kaleem…

लखनऊ: बलरामपुर अस्पताल में रोजाना मरीजों को मिलने वाला भोजन काफी देर से मिलता है। बुधवार को भी समय पर भोजन नहीं मिलने पर परिजनों ने हंगामा किया। हंगामा की बात पता चली तो अस्पताल प्रशासन ने इसे तत्काल संज्ञान में लिया और भोजन परोसने की व्यवस्था कराई। इधर, मौके पर पतली दाल और जलीं रोटियां परोसी जाने लगीं। कुछ मरीजों व उनके साथ आए परिजनों ने इस पर भी आपत्ति जताई। प्रतिदिन इसी तरह का भोजन परोसा जाता है। खाने की गुणवत्ता ठीक न होने से कई मरीज अस्पताल का खाना लेने से परहेज कर रहे हैं।

मरीजों का धैर्य जवाब देने लगा…

जबकि किचन में बनने वाले खाने की गुणवत्ता परखने के बाद ही उसे मरीजों को दिया जाएगा। यह जिम्मेदारी अस्पताल के निदेशक और सीएमएस की है। बलरामपुर अस्पताल की न्यू बिल्डिंग में जब दोपहर दो बजे खाना पहुंचा तो मरीजों का धैर्य जवाब देने लगा। यहां करीब दो सौ से अधिक मरीज भर्ती हैं और खाना न मिलने पर परिजन हंगामा करने लगे। सुरक्षा गार्डों ने समझा-बुझाकर मामला शांत कराया और किचन में सूचना दी। करीब ढाई बजे अस्पताल की दूसरी मंजिल से भोजन परोसने का काम शुरू हुआ।

600 से अधिक मरीज हर वक्त अस्पताल में भर्ती रहते हैं…

ऑर्थोपेडिक विभाग में भर्ती मरीज सुरेश के भाई पंकज के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से खाना काफी देर से पहुंच रहा है। इसी प्रकार सुप्रिया ने बताया कि कभी रोटी कम तो कभी सब्जी ही नहीं दी जाती है। कई मरीज शिकायत करते हैं कि भोजन में पानी ज्यादा दाल कम, सब्जी भी पतली, रोटी अधपकी मिलीं। बलरामपुर अस्पताल में करीब 776 बेड हैं। औसतन 600 से अधिक मरीज हर वक्त अस्पताल में भर्ती रहते हैं। अस्पताल प्रशासन हर रोज करीब 400-500 मरीजों के लिए खाना बनवाता है। ऐसे में साफ है कि तीमारदारों के लिए अस्पताल में खाना नहीं बन रहा है। तीमारदार बाहर से खाना खरीद कर खाते हैं।

अस्पताल के निदेशक डॉ. एके सिंह के मुताबिक मरीजों के दिये जाने वाले भोजन की गुणवत्ता काफी अच्छी है। कभी वह तो कभी सीएमएस खाने की गुणवत्ता देखने के बाद ही भोजन वितरण के लिए भिजवाते हैं। अभी हाल ही में रोटी मेकर मशीन लगायी गयी है, इससे एक घंटे में करीब आठ सौ रोटी तैयार हो जाती हैं।

Share This Article
Exit mobile version