Baliya News: शनिवार सुबह कोतवाली थाने के गेट के सामने बीए के छात्र रोहित पांडेय (22) की धारदार हथियारों से हमला कर बड़ी बेहरमी से हत्या कर दी गई। इस घटना के दौरान बचाव की कोशिश करने पर शुभम नामक युवक भी गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना से आक्रोशित युवाओं ने आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए जिला अस्पताल और कोतवाली में जमकर हंगामा किया। कस्बे के वार्ड 11 मिरीगरी टोला निवासी रोहित पांडेय किसी कार्यवश कोतवाली के पास आए थे। उनके साथ कुछ दोस्त गोलगप्पे की दुकान पर खड़े थे। तभी अचानक कुछ युवक बाइक से आए और धारदार हथियारों से रोहित पर हमला कर दिया। रोहित को तड़पता देख शुभम ने बचाव की कोशिश की, लेकिन हमलावरों ने उसे भी घायल कर दिया। मौके पर पुलिस की अनुपस्थिति से गुस्साए लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया और पथराव शुरू कर दिया।
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प्राथमिक जांच और कार्रवाई
घटना के बाद एसपी देवरंजन वर्मा, एएसपी डीपी तिवारी और अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सीओ के नेतृत्व में कई टीमों का गठन किया। साथ ही मामले की गंभीरता को देखते हुए दो सिपाहियों, धीरज वर्मा और असलम, को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया।
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हमलावरों की पहचान और गिरफ्तारी
रोहित पांडेय और रोहित यादव उर्फ राइडर के बीच बाजार पर दबदबा कायम करने को लेकर पुरानी रंजिश थी। दोनों गुटों के बीच पहले भी कई बार झगड़े हो चुके थे। शनिवार सुबह इस विवाद ने हिंसक रूप ले लिया जब रोहित यादव के गुट के लोग धारदार हथियारों से लैस होकर आए और कोतवाली के सामने ही रोहित पांडेय पर हमला कर दिया। रोहित यादव के गुट में शेखर यादव सहित कई युवक शामिल थे। रोहित पांडेय की गर्दन पर हमला किया गया, जिससे वह लहूलुहान होकर कोतवाली गेट के सामने गिर पड़ा। शुभम को भी गंभीर चोटें आईं और दोनों को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां रोहित की मौत हो गई। शुभम की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है।
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स्थिति पर काबू और पुलिस की कार्यवाही
दिनदहाड़े हुई इस घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए भीड़ को तितर-बितर किया। एसपी देवरंजन वर्मा ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ सात नामजद और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने विभिन्न टीमों का गठन किया है जो आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। साथ ही सिपाहियों की लापरवाही की भी जांच की जा रही है।
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पुरानी रंजिश का परिणाम
रोहित पांडेय और रोहित यादव के गुटों के बीच पुरानी रंजिश इस हिंसक घटना का कारण बनी। दोनों गुटों के बीच पहले भी कई बार झगड़े हो चुके थे, लेकिन इस बार यह झगड़ा जानलेवा साबित हुआ। पुलिस के अनुसार, इस मामले में सात-आठ नाम प्रकाश में आए हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई तेज कर दी गई है। कोतवाली के सामने हुई इस घटना ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस प्रशासन को इस तरह की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें और लोगों में सुरक्षा का विश्वास बना रहे।
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