Ram Mandir News: रामजन्मभूमि परिसर में 25 मूर्तियों की स्थापना की जाएगी। यह निर्णय राममंदिर (Ram Mandir) निर्माण समिति की बैठक में लिया गया है। इस परिसर में गोस्वामी तुलसीदास और भगवान कूर्मनारायण के भी मंदिर बनाए जाने पर सहमति बनी है। इसके अलावा परकोटा में छह मंदिर, राम दरबार और सप्तमंडपम में सात मंदिरों की स्थापना की जाएगी। इन सभी परियोजनाओं पर काम शुरू हो चुका है।
इस बार बैठक की अध्यक्षता श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने की। सामान्यतः बैठक का नेतृत्व निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र करते थे, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वे अयोध्या नहीं आ सके। उनके प्रतिनिधि के रूप में सीबीआरआई के पूर्व निदेशक एके मित्तल ने बैठक में हिस्सा लिया। बैठक से पहले निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी किया गया।
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परिसर में मूर्तियों की स्थापना
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि दिसंबर तक राममंदिर निर्माण पूरा करने, परकोटा निर्माण और राम दरबार की स्थापना पर मंथन किया गया। यह तय हुआ कि रामजन्मभूमि परिसर में कुल 25 मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। राममंदिर के भूतल में रामलला की दिव्य मूर्ति स्थापित हो चुकी है। परकोटे में छह मूर्तियां, सप्तमंडपम में सात मूर्तियां, और शेषावतार मंदिर में एक मूर्ति स्थापित की जाएगी। राम दरबार में राम सहित चारों भाई, माता सीता और हनुमान की मूर्ति स्थापित की जाएगी। इन मूर्तियों की स्थापना का कार्य जोर-शोर से चल रहा है।
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रामदरबार की मूर्तियाँ और नए मंदिर
चंपत राय ने बताया कि रामदरबार की सभी मूर्तियां एक ही पत्थर में गढ़ी जाएंगी। इसके अलावा गोस्वामी तुलसीदास और कूर्म नारायण भगवान का भी मंदिर बनाए जाने पर सहमति बनी है। बैठक में राममंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र, राममंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा समेत कार्यदायी संस्था के इंजीनियर भी मौजूद थे।
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निर्माण कार्य की प्रगति और चुनौतियाँ
मंदिर निर्माण में अभी 1.30 लाख क्यूबिक फीट पत्थर और लगेंगे। अब तक तीन लाख क्यूबिक फीट पत्थर राममंदिर निर्माण में लग चुके हैं। लगातार हो रही बारिश के चलते राममंदिर निर्माण कार्य की गति बाधित हुई है। दिसंबर तक राममंदिर का निर्माण कार्य पूरा करना चुनौतीपूर्ण होगा। इसके लिए मजदूरों की संख्या बढ़ाने पर भी चर्चा हुई है। मंदिर निर्माण की तेज़ी के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं ताकि समय सीमा के भीतर कार्य पूरा हो सके।
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परिसर का सौंदर्यीकरण और धार्मिक महत्व
रामजन्मभूमि परिसर में स्थापित की जाने वाली मूर्तियों और मंदिरों का सौंदर्यीकरण और धार्मिक महत्व काफी महत्वपूर्ण है। यह स्थल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है, और इसका निर्माण कार्य तेजी से पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
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जनता की भागीदारी और सहयोग
जनता के सहयोग और भागीदारी को देखते हुए राममंदिर निर्माण समिति ने सभी आवश्यक कदम उठाने का संकल्प लिया है। धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक इस मंदिर के निर्माण में सभी का सहयोग आवश्यक है। राममंदिर परिसर का यह विकास कार्य न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित और प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।