CJI Chandrachud Last Working Day: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ (CJI Chandrachud) का अंतिम कार्यदिवस शुक्रवार को रहा. विदाई समारोह के दौरान डी.वाई. चंद्रचूड़ ने न्यायपालिका, अपने सहयोगियों, और अपने कार्यकाल के अनुभवों के प्रति गहरी भावुकता और आभार प्रकट किया. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 10 नवंबर को औपचारिक रूप से सेवानिवृत्त होंगे और उनके उत्तराधिकारी के रूप में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार संभालेंगे. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर 2022 को 50वें सीजेआई के रूप में कार्यभार संभाला था और इस एक साल के दौरान उन्होंने न्यायिक व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए.
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सीजेआई चंद्रचूड़ का विदाई समारोह

बताते चले कि, विदाई समारोह में, भावुक होकर सीजेआई (CJI Chandrachud) ने कहा कि वह रात में इस बात को सोच रहे थे कि कोर्ट में उनका यह आखिरी दिन है और 2 बजे के बाद कोर्ट खाली हो जाएगा, लेकिन उनके सम्मान में उपस्थित लोगों की बड़ी संख्या ने उन्हें अभिभूत कर दिया. उन्होंने कहा कि बचपन में सुप्रीम कोर्ट आना और वहां की कार्यवाही देखना उनके लिए विशेष अनुभव होता था, जिसमें कोर्ट में लगी दो तस्वीरें भी उन्हें याद हैं. उन्होंने बंबई उच्च न्यायालय के दिनों को भी याद किया और कहा कि उस समय न्यायमूर्ति चागला का बड़ा प्रभाव था.
न्यायिक कार्य का प्रभाव: एक सफर, एक प्रेरणा
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ (Justice Chandrachud) ने अपने विदाई भाषण में कहा, “हम सभी यहां एक यात्री की तरह हैं, जो कुछ समय के लिए आते हैं, अपना काम करते हैं और फिर आगे बढ़ जाते हैं. यह न्यायपालिका एक संस्थान के रूप में स्थाई है और इसमें समय-समय पर विभिन्न विचारधाराओं के लोग आते रहते हैं.” उन्होंने विश्वास जताया कि उनके उत्तराधिकारी, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, इस संस्थान को मजबूती और गरिमा के साथ आगे बढ़ाएंगे.
उन्होंने अपने कार्यकाल में विभिन्न सहयोगियों के साथ काम करने का अनुभव साझा किया और विशेष रूप से न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा के साथ बिताए गए समय का उल्लेख करते हुए इसे यादगार बताया। उन्होंने कहा कि कोर्ट का यह वातावरण और यहां के लोग उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं और यह अनुभव जीवन को एक नया दृष्टिकोण प्रदान करते हैं.
अनुभवों से मिली सीख और विनम्रता का भाव

अपने भाषण में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ (Justice Chandrachud) ने कहा कि उन्होंने कोर्ट में हर दिन कुछ नया सीखा है, क्योंकि कोई भी मामला पहले के मामले जैसा नहीं होता। यह सीख और अनुभव उनके लिए अत्यंत मूल्यवान रहे हैं। उन्होंने इस अवसर पर न्यायिक कार्यवाही के दौरान यदि किसी को कोई तकलीफ पहुंची हो, तो विनम्रतापूर्वक माफी भी मांगी और कहा कि उनका उद्देश्य हमेशा न्यायपालिका की गरिमा और निष्पक्षता को बनाए रखना रहा है।
सहयोगियों के प्रति आभार और सम्मान
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ (Justice Chandrachud) ने अपने साथ काम करने वाले न्यायधीशों और सहयोगियों के प्रति भी कृतज्ञता प्रकट की। उन्होंने न्यायमूर्ति पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि उनके साथ काम करना एक खास अनुभव था और वे उन पलों को सदा याद रखेंगे। उनके मुताबिक, न्यायपालिका का यह सफर उनके लिए बेहद प्रेरणादायक रहा है और इस दौरान उन्होंने ऐसे लोगों से मुलाकात की, जिनसे उन्होंने बहुत कुछ सीखा और जीवन में नए दृष्टिकोण प्राप्त किए.
कोर्ट में अनोखे अनुभवों का जिक्र

सीजेआई (CJI Chandrachud) ने कहा कि कोर्ट में बिताए गए समय ने उन्हें एक नई दिशा दी है और यहां मिले अनोखे अनुभवों ने उनके जीवन को एक नया आयाम दिया है। उन्होंने कहा कि यहां हर मामला पहले के मामले से अलग होता है, और यही विविधता उन्हें हर दिन कुछ नया सीखने का अवसर प्रदान करती है.
न्यायपालिका के प्रति गहरा सम्मान और धन्यवाद
अपने भाषण के अंत में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और यहां कार्यरत सभी लोगों का धन्यवाद किया और उनके प्रति आभार प्रकट किया. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ (CJI Chandrachud) ने कहा, “मैं आप सभी का दिल से धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने इतनी बड़ी संख्या में मेरे विदाई समारोह में भाग लिया. आप सभी की उपस्थिति के लिए मैं सदा कृतज्ञ रहूंगा.” उनके ये शब्द उनके न्यायिक सफर में मिले सहयोग और सम्मान के प्रति उनके गहरे भाव को व्यक्त करते हैं.
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के प्रति विश्वास

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ (Justice Chandrachud) ने अपने उत्तराधिकारी न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के प्रति पूरा विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि वे इस प्रतिष्ठित संस्थान को मजबूत और गरिमामय तरीके से आगे ले जाएंगे. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का कहना था कि यह संस्थान स्थायी है और इसमें समय-समय पर विभिन्न विचारधारा के लोग आते रहेंगे. उनके इस विश्वास के साथ उन्होंने न्यायपालिका के प्रति अपने गहरे सम्मान को भी प्रकट किया.