Awadhesh Prasad: संसद (Parliament) में बजट पर चर्चा के दौरान अवधेश प्रसाद (Awadhesh Prasad) ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की. उन्होंने अपने भाषण में अयोध्या की उपेक्षा पर जोर दिया और कहा कि बजट में अयोध्या और उत्तर प्रदेश का कोई उल्लेख नहीं है. अवधेश प्रसाद ने अयोध्या (Ayodhya) के प्रभु श्री राम की मर्यादा की महत्ता को रेखांकित करते हुए भाजपा पर अयोध्या के नाम का केवल व्यावसायिक उपयोग करने का आरोप लगाया.
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ये क्या बोल गए सपा सासंद?
बताते चले कि लोकसभा में सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि, ‘मैं मर्यादा पुरुषोत्तम रामचंद्र की धरती से आया हूं. उसी धरती से राम मनोहर लोहिया, आचार्य नरेंद्र देव, अशफाकुल्ला खां भी निकले हैं. मैंने वित्त मंत्री के बजट को कई बार देखा और दूरबीन लगाकर देखा, लेकिन उसमें अयोध्या का नाम नहीं है. वह भगवान श्री राम की अयोध्या है, लेकिन भाजपा ने उसके नाम पर राजनीति की है और व्यापार किया है. प्रभु श्रीराम की प्रजा को सताया गया और उनके घरों को ढहाया गया.’
अयोध्या की वर्तमान स्थिति का चित्रण किया
अपने भाषण में उन्होंने प्रसिद्ध गीतकार जावेद अख्तर के शेरों के माध्यम से अयोध्या की वर्तमान स्थिति का चित्रण किया. उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान देशभर के लोग उन्हें हराने के लिए अयोध्या आए, लेकिन प्रभु श्री राम की कृपा से वह विजय हुए. उन्होंने भाजपा पर अयोध्या की जनता को सताने, उनके घरों को ढहाने और बुलडोजर कार्रवाई में मौतों का आरोप लगाया.
BJP पर लगाए आरोप
अवधेश प्रसाद ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर निर्माण आदेश के बाद भाजपा द्वारा जमीनों में बड़े पैमाने पर घोटाले किए गए. उन्होंने कहा कि 2 करोड़ की जमीन को खरीदने के दो घंटे बाद 18 करोड़ रुपये में बेचा गया. उन्होंने भाजपा पर किसानों को बर्बाद करने और जनता की नाराजगी का हवाला दिया.
‘BJP पर केवल व्यावसायिक लाभ उठाने का आरोप’
अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी अयोध्या (Ayodhya)को वैश्विक स्तर पर आकर्षण का केंद्र बनाने का वादा करती है, जबकि भाजपा पर केवल व्यावसायिक लाभ उठाने का आरोप है.
शेरों के जरिए अयोध्या की असली स्थिति को प्रस्तुत किया
“जीना मुश्किल है कि आसान ज़रा देख तो लो,
लोग लगते हैं परेशान ज़रा देख तो लो,
ये नया शहर तो है ख़ूब बसाया तुम ने,
क्यूँ पुराना हुआ वीरान ज़रा देख तो लो।”
इन शेरों के माध्यम से उन्होंने नई अयोध्या (Ayodhya) की चकाचौंध के पीछे छुपे पुराने शहर की दुर्दशा को उजागर किया.