Thyroid की समस्या को कैसे बढ़ाता है क्रॉनिक स्ट्रेस,क्या है दोनों में संबंध,जाने इस ख़ास रिपोर्ट में..

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

SWAPNIL

Stress And Thyroid: जीवन में मनुष्य कई तरह के तनाव से घिरा रहता है कभी कुछ तो कभी कुछ…. क्योंकि तनाव कई तरह के हो सकते है। तनाव कई तरह की समस्याओं को जन्म दे सकता है. इसकी वजह से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और थायराइड जैसी समस्याओं का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है. खासकर तनाव, थायराइड को ज्यादा ट्रिगर कर सकता है. दरअसल, तनाव के समय बॉडी में रिलीज होने वाले हॉर्मोन्स थाइरॉइड पर असर डालता है. ऐसे में सावधानी बरतनी चाहिए और स्ट्रेस खुद पर हावी नहीं होने देना चाहिए. आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं तनाव और थायरयड का संबंध…

read more: Congress ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शिरकत को लेकर जारी कयासों पर लगाया विराम!

तनाव और थायराइड का संबंध

तनाव और थायरयड ग्लैंड के काम अलग तरीके से ही सही आपस में जुड़े हुए हैं. गले में बटरफ्लाई के आकार की ग्लैंड बॉडी में एनर्जी प्रोडक्शन, मेटाबॉलिज्म रेगुलेशन और बॉडी टेंपरेचर को मेंटेन करने का काम करता है. जब यह निष्क्रिय होने की स्थिति में आता है तो कई समस्याएं पैदा करता है, जिसमें तनाव भी शामिल है.

थायराइड को प्रभावित करता है तनाव

क्रोनिक स्ट्रेस ऑटोइम्यून थायरयड जैसे कि हाशिमोटो थायरॉयडिटिस और ग्रेव्स डिजीज के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है. ऐसे में इम्मयून सिस्टम थायरयड ग्लैंड पर अटैक कर थायरयड के काम पर निगेटिव असर डाल सकते हैं. स्ट्रेस थायरॉयडिटिस के विकास को बढ़ा सकते हैं. ऐसी स्थिति में थायरॉयड ग्लैंड में सूजन आ सकता है, जो थायराइड हार्मोन के उत्पादन को भी प्रभावित कर सकता है. इससे लंबे समय तक थायरयड का काम बदल सकता है. इतना ही नहीं स्ट्रेस हाइपोथैलेमस और पिट्यूटरी ग्लैंड को भी प्रभावित कर सकता है, जो थायराइड हॉर्मोन्स को रेगुलेट करता है. क्रोनिक स्ट्रेस थायराइड हार्मोन के उत्पादन और रेगुलेशन को प्रभावित कर सकता है.

तनाव से बचने के लिए अपनाएं अहम तरीके

मानसिक समस्याओं को कंट्रोल कर आप कई तरह की समस्याओं को पहले ही रोक सकते हैं. तनाव से बचना है तो मेडिटेशन और योग की मदद लेनी चाहिए. ऐसी एक्टिविटीज में शामिल होना चाहिए, जो हैप्पी हार्मोंस को रिलीज करने का काम करते हैं. निगेटिव चीजों से दूरी बनानी चाहिए. थायराइड को स्थिर रखने टाइट पर फोकस करना चाहिए. लो आयोडीन वाली चीजें ही खानी चाहिए. प्रोबायोटिक्स जैसे योगर्ट का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा ग्लूटेन फ्री और शुगर फ्री डाइट से थाइराइड हार्मोंस को मैनेज कर सकते हैं.

read more: Aligarh:आवारा पशुओं का आतंक,परेशान किसानों ने गांव के पंचायत घर में बंद किए आवारा पशु

Share This Article
Exit mobile version