Assam Flood: असम राज्य में बाढ़ की भयावह स्थिति देखी गई है, जिसने राज्य को गहरी संकट में डाल दिया है। नदियों के उफान के कारण लाखों लोगों को अपने घर छोड़कर दूसरे स्थानों की तलाश करनी पड़ी है। इस अवस्था ने अब तक 58 लोगों की जान ले ली है, जबकि 30 जिलों में 24 लाख लोग प्रभावित हो चुके हैं।
असम (Assam) राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार, इस बाढ़ के दौरान 6 जुलाई को छह और लोगों की जान चली गई, जिससे राज्य में मरने वालों की संख्या 52 से बढ़कर 58 हो गई। बाढ़ के पानी ने विभिन्न जिलों में 3,535 गांवों को जलमग्न कर दिया है और 68,768.5 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को भी प्रभावित किया है।
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प्रियंका गांधी का बयान
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस दुखद घटना पर गहरा दुख जताया है और प्रभावित लोगों के साथ होने वाले राहत और बचाव कार्यों में अपने साथियों को सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की है। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से प्रभावित लोगों की मदद करने का आग्रह किया है। प्रियंका गांधी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- “असम में बाढ़ के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत की खबर बहुत दुखद है। लगातार बिगड़ते हालात के कारण लाखों लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। मैं कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील करती हूं कि वे राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लें।”
बाढ़ के कारण नुकसान

बाढ़ के पानी से विनाशकारी नुकसान हो रहे हैं, जिसमें बुनियादी ढांचे, सड़कें, फसलें और पशुधन शामिल हैं। सैकड़ों लोग बेघर और बेचैन हो गए हैं, जिन्हें राहत शिविरों में अवस्थित किया गया है। 6 जुलाई को चराइदेव जिले में दो लोग बाढ़ के पानी में डूब गए और गोलपारा, मोरीगांव, सोनितपुर और तिनसुकिया जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। शनिवार को राज्य में बाढ़ की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ, लेकिन 29 जिलों में 2.396 मिलियन से अधिक लोग बाढ़ की दूसरी लहर से अभी भी प्रभावित हैं।
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असम में सबसे प्रभावित इलाके
बाढ़ के प्रभावित जिलों में धुबरी, कछार, दरांग, बारपेटा, गोलाघाट, नलबाड़ी, दक्षिण सलमारा, गोलपारा, चराईदेव, बिस्वनाथ, बोंगाईगांव, डिब्रूगढ़, होजई, लखीमपुर, धेमाजी, नागांव, मोरीगांव, करीमगंज, चिरांग, कोकराझार, दरांग, शिवसागर, जोरहाट, सोनितपुर, कार्बी आंगलोंग, तिनसुकिया, माजुली और कामरूप शामिल हैं।
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आपदा प्रबंधन के प्रयास

आपदा प्रबंधन अधिकारियों और स्थानीय निकायों ने बचाव कार्यों में तत्परता से काम किया है और प्रभावित लोगों को सहायता पहुंचाने का प्रयास किया है। राज्य सरकार ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यक्रमों की शुरुआत की है। बाढ़ के इस संकट के दौरान समुदाय ने एकजुटता दिखाई है और अपने साथियों के समर्थन में अपना सहयोग दिया है। लोगों ने अपनी संकटमय स्थिति के बावजूद एक-दूसरे की मदद की है और राहत कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई है।