Jhansi Hospital Child Ward Fire:उत्तर प्रदेश के झांसी शहर से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु वार्ड (NICU) में लगी आग के कारण 10 बच्चों की जान चली गई। इस हादसे में करीब 47 बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया, जबकि आग से कई बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह घटना शनिवार, 16 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे हुई। हादसे के बाद अस्पताल प्रशासन और राज्य सरकार ने तत्काल राहत कार्य शुरू कर दिए हैं और घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं।
वहीं इस हादसे के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने शनिवार (16 नवंबर) को सुबह झांसी मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया और घटना की जांच के आदेश दिए, साथ ही डिप्टी सीएम ने कहा कि 10 बच्चों की मौत हुई है, घटना के दोषी लोगों कार्रवाई होगी। किन कारणों से घटना हुई उसकी जांच हो रही है, अस्पताल का फायर आडिट हुआ था। इस घटना की उच्च स्तरीय जांच होगी और अगर किसी स्तर पर लापरवाही पाई जाएगी तो उस पर कार्रवाई होगी।
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घटना का कारण
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एनआईसीयू वार्ड में कुल 54-55 नवजात शिशु भर्ती थे। अचानक शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई, जो तेज़ी से फैलने लगी। इस वार्ड में अधिकांश बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे, जिससे आग पर काबू पाना बेहद मुश्किल हो गया। अधिकारियों के अनुसार, आग लगने की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड और अस्पताल स्टाफ ने राहत कार्य शुरू किया, लेकिन तब तक कई नवजात शिशुओं की जान जा चुकी थी।
बचाव कार्य जारी
झांसी के कमिश्नर, बिमल कुमार दुबे ने घटना के बाद जानकारी दी कि आग पर काबू पा लिया गया है और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने घटना की जानकारी मिलने के बाद शनिवार सुबह झांसी मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया और राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश भी दिए और कहा कि अगर इस घटना में कोई लापरवाही पाई जाती है, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राज्य और केंद्रीय नेताओं की प्रतिक्रिया
इस दुखद घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख व्यक्त करते हुए इसे अत्यंत हृदयविदारक बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को तत्काल राहत कार्यों के लिए निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने प्रार्थना की कि हादसे में मृत बच्चों की आत्मा को शांति मिले और घायल बच्चों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिले।
इसके अलावा, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस घटना पर दुख जताया और दिवंगत बच्चों की आत्मा को शांति की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि हादसे में घायल बच्चों का इलाज जल्दी से किया जाएगा।
मेडिकल कॉलेज का फायर आडिट हुआ था
इस घटना के बाद राज्य सरकार ने यह जानकारी दी कि अस्पताल का फायर आडिट पहले ही हो चुका था। फिर भी शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। सरकार ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और आश्वासन दिया है कि अगर किसी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है तो जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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घटना की गंभीरता
झांसी के इस मेडिकल कॉलेज में यह घटना पूरे प्रदेश के लिए एक चेतावनी है, खासकर अस्पतालों में सुरक्षा उपायों की गंभीरता पर सवाल उठाती है। मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने कहा कि आग के कारण हुए इस हादसे में अस्पताल के सुरक्षा उपायों की सख्त समीक्षा की जाएगी।