Darbhanga Mayor Anjum Ara: दरभंगा की मेयर अंजुम आरा ने बीते मंगलवार (11 मार्च, 2025) को यह बयान दिया था कि होली के दिन, यानी 12.30 बजे से दो बजे के बीच होली खेलने पर रोक लगा दी जाए। उनका यह बयान जुमा (शुक्रवार) की नमाज के समय के कारण था, जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस बयान के बाद राजनीति का माहौल गरमा गया और लोगों ने इसे लेकर कड़ी प्रतिक्रियाएं दीं।
मेयर ने माफी मांगते हुए जताया खेद

अपने बयान पर माफी मांगते हुए बुधवार (12 मार्च, 2025) को अंजुम आरा ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि अगर उनके शब्दों से किसी को ठेस पहुंची हो तो वह खेद व्यक्त करती हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका इरादा कभी भी होली पर रोक लगाने का नहीं था। उनका उद्देश्य केवल यह था कि दरभंगा में पर्व शांतिपूर्ण तरीके से मनाए जाएं, जैसे अन्य पर्व मनाए जाते हैं। उनका बयान सिर्फ इस सोच के तहत था कि यदि किसी पर्व के समय कुछ समय बदला जा सकता है, तो उसी तरह होली और रमजान के समय भी बदलाव किया जा सकता है।
जुलूस के वक्त बदलने का उदाहरण दिया
अंजुम आरा ने यह भी कहा कि उन्होंने पहले भी देखा है कि रामनवमी और मुहर्रम के समय जुलूस के वक्त में बदलाव किया गया है, और हिंदू समुदाय ने भी समय बदलकर जुलूस निकाला है। यही सोच लेकर उन्होंने अपने बयान में यह सुझाव दिया था कि होली के समय में भी कुछ बदलाव किया जा सकता है, ताकि शांति बनी रहे और किसी भी प्रकार की अशांति न हो।
“बिल्कुल माफी मांगती हूं” – अंजुम आरा

इस सवाल पर कि क्या आप माफी मांगती हैं, अंजुम आरा ने तुरंत उत्तर दिया, “बिल्कुल, बिल्कुल। इसमें कोई दो राय नहीं है। अगर किसी को तकलीफ हुई है तो मैं खेद व्यक्त करती हूं।” उन्होंने आगे कहा कि अब वह इस मुद्दे पर और कुछ नहीं कहना चाहती हैं और उनका केवल यह उद्देश्य था कि सभी पर्व शांति और साम्प्रदायिक सौहार्द के साथ मनाए जाएं।
राजनीति का मुद्दा बनने की नहीं थी उम्मीद
अंजुम आरा ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता था कि उनके बयान से राजनीति का मुद्दा बनेगा और यह मामला तूल पकड़ेगा। उन्होंने इस पर दुख जताया कि उनके बयान को गलत तरीके से लिया गया। दरअसल, उनका उद्देश्य केवल शांति बनाए रखना था, और वह कभी भी शहर में अशांति फैलाने का इरादा नहीं रखती थीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह चाहती थीं कि होली और रमजान जैसे धार्मिक पर्व बिना किसी विवाद के शांति से मनाए जाएं।
अंजुम आरा का माफी बयान
अंजुम आरा का बयान भले ही विवाद का कारण बना, लेकिन अंततः उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है और अपने इरादों की स्पष्टता जताई है। उनके अनुसार, उनका उद्देश्य केवल शांति बनाए रखना और विभिन्न धार्मिक पर्वों को सौहार्दपूर्ण तरीके से मनाना था। अब वह चाहती हैं कि इस विवाद को समाप्त कर दिया जाए और सभी धर्मों के लोग एक साथ शांति से अपने पर्व मनाएं।
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