HKU5 Virus: पिछले करीब पांच सालों से दुनियाभर में कोरोना का संकट चल रहा है। जिसके बाद अब एक नए वायरस का आगमन हो चुका है जो कि नई महामारी का कारण भी बन सकती है। एक ताजा अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम वायरस (MERS-CoV) और इससे जुड़ा वायरस समूह भविष्य में इंसानों के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। यह वायरस, जो चमगादड़ों से फैलता है, अगर कुछ और जेनेटिक बदलाव यानी म्यूटेशन से गुजरता है, तो यह इंसानों को संक्रमित करने की क्षमता हासिल कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस कोरोना वायरस के बाद अगली संभावित महामारी का कारण बन सकता है।
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वैज्ञानिकों के अनुसार…
वैज्ञानिकों ने एक वायरस समूह का अध्ययन किया है, जिसे मेरबेकोवायरस कहा जाता है। यह MERS-CoV वायरस फैमिली से जुड़ा है। अध्ययन में पता चला है कि यदि इस वायरस में कुछ और जेनेटिक बदलाव (म्यूटेशन) होते हैं, तो यह इंसानों को तेज़ी से संक्रमित करने में सक्षम हो सकता है। शोधकर्ताओं ने यह जानने के लिए रिसर्च की कि यह वायरस मानव कोशिकाओं पर कैसे असर डालता है और इससे भविष्य में किस तरह के स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो सकते हैं।
HKU5-CoV-2 और इसके नुकसान…
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मशहूर वायरोलॉजिस्ट शि झेंगली, जिन्हें “बैटवुमन” के नाम से भी जाना जाता है, ने अपनी टीम के साथ HKU5-CoV-2 नामक एक नए वायरस की खोज की है। यह वायरस मेरबेकोवायरस सबजेनस से जुड़ा है — वही वायरस समूह जिससे MERS-CoV यानी मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम भी संबंधित है।
जर्नल Cell में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, यह नया वायरस मानवों में फैलने की उच्च संभावना रखता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि HKU5-CoV-2 की संरचना ऐसी है कि यह न केवल श्वसन तंत्र (respiratory system), बल्कि छोटी आंत (small intestine) में भी संक्रमण फैला सकता है।
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एक नई महामारी का आगमन…
लम्बें समय से इस बात की चर्चा चल रही है कि कोरोना के बाद मार्स वायरस या इसके समूह के कारण एक और महामारी आ सकती है?
इस बारे में चिकित्सा विषेशग्य कहते हैं कि यह अतिशयोक्तिपूर्ण है। साल 2019 में जब कोरोना वायरस फैला था, उसकी तुलना में अब सार्स और मर्स वायरस के प्रति बहुत अधिक प्रतिरक्षित हो गई है। ऐसे में एचकेयू5-सीओवी-2 के कारण भी महामारी आने का जोखिम होगा, इसकी आशंका फिलहाल नहीं है। हालांकि वायरस कितना खतरनाक हो सकता है इसको समझना अभी बाकी है। हमें इसमें होने वाले म्यूटेशंस पर गंभीरता से नजर बनाए रखने की आवश्यकता है, क्योंकि इसे बड़े खतरे के तौर पर जरूर देखा जा रहा है।