Hindenburg Research: SEBI प्रमुख पर Adani के ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी का लगाया आरोप, सपा नेता ने मांगा इस्तीफा

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
sebi chairman

Hindenburg Research: अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने एक बार फिर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की प्रमुख माधवी बुच को लेकर बड़ा खुलासा किया है, जिससे बाजार में हलचल मच गई है। रिपोर्ट में सेबी प्रमुख माधवी बुच और उनके पति के अडानी ग्रुप (Adani Group) के विदेशी फंड में हिस्सेदारी का दावा किया गया है। हिंडनबर्ग रिसर्च के इस नए खुलासे ने सेबी की प्रतिष्ठा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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सपा नेता ने मांगा इस्तीफा

इस खुलासे के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने सेबी चेयरमैन के इस्तीफे की मांग की है। आईपी सिंह ने कहा कि सेबी की कुर्सी पर सबसे बड़े चोर बैठे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तत्काल सेबी चेयरमैन माधवी बुच का इस्तीफा लेना चाहिए। उन्होंने एक्स पर लिखा, “सोमवार सुबह 9 बजे से पहले प्रधानमंत्री को सेबी की चेयरमैन को इस्तीफा देने का आदेश देना चाहिए। शेयर बाजार देश की आत्मा है और उस कुर्सी पर सबसे बड़ा चोर बैठी हुई है।”

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हिंडनबर्ग रिपोर्ट में गंभीर लगाए आरोप

हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में सेबी चेयरमैन माधवी बुच और उनके पति पर अडानी ग्रुप के विदेशी फंड में हिस्सेदारी का गंभीर आरोप लगाया है। हिंडनबर्ग का दावा है कि सेबी की अध्यक्ष बुच और उनके पति के पास कथित अडानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।

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व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों का दिया हवाला

हिंडनबर्ग ने व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा, “सेबी की वर्तमान प्रमुख माधवी बुच और उनके पति के पास अदानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।” कथित तौर पर, अदानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदानी के बड़े भाई विनोद अदानी इन ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंडों को नियंत्रित करते थे। हिंडनबर्ग का आरोप है कि इन फंडों का इस्तेमाल धन की हेराफेरी करने और समूह के शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए किया गया था।

शेयर बाजार देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और उसकी निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह भारतीय वित्तीय प्रणाली के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। सरकार को इस मामले में सतर्क रहकर सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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