Hindenburg Research: अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग (Hindenburg) रिसर्च ने अपनी ताजा रिपोर्ट में भारतीय शेयर बाजार नियामक, सेबी की प्रमुख माधवी बुच और उनके पति धवल बुच के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों पर कथित तौर पर अदाणी समूह के धन हेराफेरी घोटाले में शामिल अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी का आरोप है। इस मामले में अभी सपा नेता ने इस्तीफे की मांग की थी। अब इस दावे पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) का भी बड़ा बयान सामने आया है।
शिवसेना सांसद का केंद्र सरकार पर हमला
इस रिपोर्ट के प्रकाश में आने के बाद, शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। राउत ने कहा कि “सेबी के प्रमुख को वित्तीय घोटालों की जांच और निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन उन पर खुद आरोप लग रहे हैं। यदि वे पीएम मोदी के दोस्त हैं, तो यह आरोप मोदी पर भी लगते हैं। अगर सरकार इन आरोपों के बावजूद चुप रहती है, तो यह सरकार भ्रष्ट है।”
हिंडनबर्ग का बड़ा खुलासा
हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि माधवी बुच और उनके पति का नाम अदाणी घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिसमें विवादित ऑफशोर फंडों का इस्तेमाल हुआ। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये फंड अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदानी के बड़े भाई विनोद अदानी द्वारा नियंत्रित किए जाते थे। इन फंडों का कथित तौर पर इस्तेमाल धन की हेराफेरी और समूह के शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए किया गया।
हिंडनबर्ग के दावे की जांच
हिंडनबर्ग रिसर्च ने रिपोर्ट में दावा किया है कि उन्होंने व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों का हवाला देते हुए यह आरोप लगाया है। सेबी प्रमुख माधवी बुच और उनके पति के पास कथित तौर पर अदाणी के धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए ऑफशोर फंडों की हिस्सेदारी थी। इस रिपोर्ट के बाद, सेबी और अन्य संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सार्वजनिक और राजनीतिक दबाव बढ़ गया है। आने वाले दिनों में इस मामले में और अधिक स्पष्टता आने की संभावना है, और इसकी जांच को लेकर सरकार और सेबी द्वारा ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।
Read more: Hindenburg Research का नया खुलासा, अडानी मामले में सेबी चेयरपर्सन पर लगाए गंभीर आरोप