Himachal Weather: हिमाचल प्रदेश एक बार फिर भारी बारिश की चपेट में आ गया है। रविवार को जहां कुछ स्थानों पर हल्की धूप दिखाई दी, वहीं धर्मशाला समेत कई इलाकों में झमाझम बारिश हुई। सबसे बड़ी तबाही लाहुल स्पीति जिले के उदयपुर उपमंडल में सामने आई, जहां दरेड़ नाले में बाढ़ के कारण उदयपुर-तिंदी-पांगी-किलाड़ को जोड़ने वाला पुल बह गया। इससे पांगी घाटी का संपर्क लाहुल से पूरी तरह टूट गया है।
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दो लोगों की मौत

मंडी और शिमला जिलों में बारिश से जुड़े हादसों में दो लोगों की मौत हो गई। मंडी जिले में बालीचौकी-सुधराणी मार्ग पर मलबा हटाने में जुटा एक टिप्पर गहरी खाई में जा गिरा, जिसमें चालक हेमराज की मौके पर ही मौत हो गई। टिप्पर में सवार एक मल्टी टास्क वर्कर संजय गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे कुल्लू रेफर किया गया है।
दूसरी ओर, शिमला जिले के सुन्नी क्षेत्र में चलती कार पर मलबा गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की पहचान लेखराज के रूप में हुई है, जबकि तीन अन्य लोग घायल हो गए हैं। दुर्घटना में कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
भूस्खलन और मकान ढहने की घटनाएं जारी
आनी क्षेत्र की कराड़ पंचायत में एक दोमंजिला मकान ढह गया। कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर जोगणी मोड़ के पास चट्टानें गिरने के कारण सड़क आधा घंटा बंद रही। सिरमौर जिले के कफोटा उपमंडल के हैवना में रविवार तड़के भूस्खलन हुआ, जिससे पांवटा साहिब-शिलाई-गुम्मा एनएच दोपहर तक बंद रहा और वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने चार और पांच अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू, ऊना, बिलासपुर और सिरमौर जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। साथ ही कुछ क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका भी जताई गई है। 20 जून से अब तक प्रदेश में बारिश जनित हादसों से लगभग 1714 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है।
सड़कें, बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित
बारिश और भूस्खलन से प्रदेश की स्थिति चरमराई हुई है। लाहुल स्पीति में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-505 सहित 296 सड़कें बंद पड़ी हैं। वहीं, 134 ट्रांसफार्मर और 266 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
भराड़ी में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज
बीते 24 घंटे में प्रदेश में सबसे अधिक बारिश भराड़ी में 108 मिमी दर्ज की गई। इसके अलावा श्री मुरारी देवी जी में 82 मिमी और श्री नयना देवी जी में 74.2 मिमी वर्षा हुई। ऊना में भारी वर्षा के बाद अब तक हालात सामान्य नहीं हुए हैं। राहत एवं बचाव दल लगातार कार्य में जुटे हुए हैं।

