Himachal News: हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर मॉनसून ने तबाही मचाई है। लगातार हो रही तेज बारिश ने राज्य के अधिकांश जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। 20 जुलाई की शाम तक की SEOC रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल में 142 सड़कें बंद, 40 पेयजल योजनाएं बाधित, और 26 बिजली वितरण ट्रांसफॉर्मर सेवा से बाहर हो चुके हैं। अकेले मंडी जिले में 91 और कुल्लू जिले में 33 सड़कें बंद हैं।
भूस्खलन से मौतें

चंबा जिले में एक घर पर भूस्खलन की चपेट में आने से बेटी और दामाद की मौत हो गई। वहीं मंडी जिले की सराज घाटी में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। मंडी जिले के थुनाग क्षेत्र में सुरक्षा के लिहाज से स्कूलों को बंद कर दिया गया है। मंडी-मनाली नेशनल हाईवे पर होटल मून और 4 मील के पास भूस्खलन से रास्ता पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है। प्रशासन ने कटौला-कटिंडी मार्ग से कुल्लू की ओर जाने की सलाह दी है।
हालात चिंताजनक
कुल्लू और सिरमौर जिलों में भी कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। कुल्लू के ग्रामीण इलाकों में संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। औट-लुहरी नेशनल हाईवे-305 पर झेड़ के पास सड़क धंसने से यातायात बंद हो गया है, जबकि सैंज घाटी में रोपा-सैंज मार्ग भी भूस्खलन की चपेट में है।
बिजली और पानी की आपूर्ति ठप
राज्य में भारी बारिश ने बिजली और जल आपूर्ति व्यवस्था को भी गंभीर रूप से प्रभावित किया है। गोहर और भावानगर जैसे क्षेत्रों में बिजली गुल है। मंडी, कुल्लू और सिरमौर में जल आपूर्ति योजनाएं मलबा जमा होने और जलभराव के कारण बाधित हुई हैं। लेकिन कुछ स्थानों पर अस्थायी मरम्मत की गई है, लेकिन पूरी बहाली अभी शेष है।
सरकार अलर्ट पर
राज्य में अब तक 166 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें से 132 मौतें साल से जुड़ी घटनाओं और 34 मौतें सड़क हादसों के कारण हुई हैं। SDMA और जिला प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हैं। ऊना जिले का बड़साला पुल अब भी बंद है, जिससे यातायात वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ा जा रहा है।
स्थानीय लोगों से सतर्कता की अपील
प्रशासन ने पर्यटकों और नागरिकों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। भूस्खलन या जमीन दरकने के संकेत मिलने पर SDMA की हेल्पलाइन 1070 पर तुरंत संपर्क करने को कहा गया है। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग लगातार हालात पर नजर रखे हुए हैं और राहत व पुनःस्थापन कार्य तेज़ी से चल रहे हैं।

