Sandeshkhali News:पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले का संदेशखाली कुछ दिनों से लगातार काफी चर्चा में बना हुआ है.यहाँ बीते दिनों से हो रहे लगातार हिंसा और महिलाओं से रेप की घटनाओं के बाद राजनीति शुरू हो गई हैं। इलाके में तनावपूर्ण हालात को देखते हुए आज भी बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।वहीं पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने हाईकोर्ट से अनुमति लेने के बाद संदेशखाली जाने का प्रयास किया लेकिन उन्हें रास्ते में ही पुलिस ने रोक दिया,जिसके बाद ये मामला और गरमा गया और सुवेंदु अधिकारी वहीं पर धरने पर बैठ गए।
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धरने का प्रशासन पर हुआ असर
हाईकोर्ट से आदेश मिलने और पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल के संदेशखाली पहुंचे.इससे पहले कोलकाता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने आज पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को संदेशखाली गांव का दौरा करने की अनुमति दी.इनके साथ ही सीपीएम नेता वृंदा करात को भी संदेशखाली जाने की इजाजत मिल गई है।संदेशखाली में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा यौन उत्पीड़न और भूमि हड़पने के आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है।शुभेंदु अधिकारी कलकत्ता हाईकोर्ट से इजाजत मिलने के बाद वे संदेशखाली जा रहे थे, लेकिन वहां पहले ही धारा 144 लगा दी गई है।
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शुभेंदु अधिकारी को जाने की मिली इजाजत
आपको बता दें कि ,शुभेंदु अधिकारी को कलकत्ता हाईकोर्ट ने शर्तों के साथ संदेशखाली जाने की इजाजत दी है.इस दौरान वहां जाकर वो पीड़ितों से भी मिलेंगे.कोर्ट ने शुभेंदु अधिकारी से कहा कि,वो अपनी यात्रा के मार्ग की जानकारी प्रशासन को दें साथ ही उन्हें भड़काऊ भाषण न देने की हिदायत भी दी गई है।कोर्ट ने प्रशासन को उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने का भी आदेश दिया है.शुभेंदु अधिकारी ने कहा था कि,मैं वहां जाना चाहता हूं और स्थानीय लोगों से बात करना चाहता हूं.मैं वहां के लोगों के साथ खड़ा रहना चाहता हूं।वहीं संदेशखाली में घटनाक्रम की कवरेज के लिये एक पत्रकार को सोमवार रात गिरफ्तार कर लिया गया था.पुलिस ने कहा कि,पत्रकार को एक स्थानीय महिला के घर में जबरन घुसने की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया था.पत्रकार की गिरफ्तारी पर कोलकाता प्रेस क्लब ने निंदा की है।
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महिला आयोग ने की राष्ट्रपति शासन की मांग
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने सोमवार को संदेशखाली में अशांति के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे और राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.सत्तारूढ़ टीएमसी ने इस पर पलटवार करते हुए आयोग पर भाजपा के मुद्दे को दोहराने का आरोप लगाया.संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।
शुभेंदु अधिकारी ने क्या कहा?
शुभेंदु अधिकारी ने अपने बयान मे कहा,मैं वहां जाना चाहता हूं और स्थानीय लोगों से बात करना चाहता हूं। मैं वहां के लोगों के साथ खड़ा रहना चाहता हूं।
हाईकोर्ट ने लगाई फटकार
आज डिवीजन बेंच ने बंगाल सरकार को संदेशखाली घटना पर फटकार लगाई है.जिस टीएमसी नेता शेख शाहजहां पर रेप और जमीन हड़पने के आरोप लगाए हैं,उसके अभी तक फरार रहने पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की.डिवीजन बेंच ने कहा कि,शुरुआती तौर पर ये साफ है कि,शाहजहां शेख ने संदेशखाली में लोगों को नुकसान पहुंचाया और आरोप लगने के बाद से वो फरार है,ऐसा लगता है वो पुलिस की पहुंच से बाहर है।
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चीफ जस्टिस टीएस सिवागननम और जस्टिस हिरन्मय भट्टाचार्य की बेंच ने कहा,ये काफी चौंकाने वाला है कि,समस्या की जड़ में मौजूद एक आदमी अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है और वो फरार है।उसके खिलाफ हजारों झूठे आरोप हैं लेकिन इनमें अगर एक भी आरोप सही है तो आपको उसकी जांच करनी चाहिए,आप बेवजह लोगों को परेशान कर रहे हैं।